उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में वर्तमान में कार्यरत मुख्य सूचना आयुक्त समेत सभी सूचना आयुक्तों के विरोध में तथा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में रिक्त पड़े 2 पदों पर पारदर्शी रीति से नियुक्ति करने की मांग की मांग को लेकर RTI एक्टिविस्ट कल 3 स्थानों पर ‘गधे’ के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे। एक्टिविस्ट जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित करेंगे।
यहां करेंगे प्रदर्शन
- समाजसेविका एवं आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ‘आरटीआई भवन’ विभूतिखंड गोमतीनगर, लखनऊ के मुख्य द्वार के बाहर की सड़क के डिवाइडर पर मुख्य द्वार के सामने पूर्वाह्न 11:00 बजे से 12:00 बजे दोपहर तक प्रदर्शन किया जायेगा।
- वहीं लक्ष्मण मेला मैदान, धरना स्थल, लखनऊ अपराह्न 01:00 बजे से 03:00 बजे अपराह्न तक प्रदर्शन किया जायेगा।
- इसके अलावा लखनऊ के जिलाधिकारी आवास के सामने, सड़क के दूसरी ओर रवीन्द्र नाथ टैगोर की मूर्ति के सामने शाम 04:00 बजे से 05:00 बजे तक धरना-प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया जायेगा।
- उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन में तमाम सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट मौजूद रहेंगे।
- उर्वर्शी ने बताया कि गधे के साथ धरना देकर प्रशासन को सचेत करना है, शायद इस प्रदर्शन से ही जिम्मेदारों की नींद खुल जाये।
- फिलहाल यह नए तरीके का प्रदर्शन होगा इससे पहले एक गधा चुनाव में नामांकन के दौरान दिखाई दिया था जो काफी चर्चा का विषय बना था।
कानून लागू हुए हो चुके 11 साल
- भारत में सूचना का अधिकार यानि कि पारदर्शिता का कानून लागू हुए 11 साल से भी ज्यादा हो गये हैं।
- इस कानून को लागू करते समय भारत की संसद ने ये नहीं सोचा होगा कि कभी ऐसा दिन भी आएगा।
- जब उनके द्वारा पारदर्शिता के इस कानून में नियत की गई।
- संरक्षक की भूमिका को निभाने के लिए नियुक्त होने वाले सूचना आयुक्तों के पदों पर ऐसे-ऐसे लोग नियुक्त हो जायेंगे कि उनका विरोध करने के लिए एक्टिविस्टों को गधों के साथ सड़क पर आकर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग बुलंद करने पड़ेगी।
- पर आज स्थिति ऐसी हो गई है कि आरटीआई एक्टिविस्टों को उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्तों का विरोध करने के लिए लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इकट्ठा होकर गधे के साथ धरना देना पड़ रहा है।
पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए पारित गया कानून
- एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि संसद ने आरटीआई कानून को एक अत्यंत ही पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए पारित किया था।
- आरटीआई एक्ट की प्रस्तावना में ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस जानने के अधिकार का प्रयोग करें और गवर्नेंस में सहभागिता कर लोकतंत्र को मजबूती दें।
- परन्तु जब कोई नागरिक आरटीआई का प्रयोग कर कानून को पारित करने की मंशा के अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन करता है तो जन सूचना अधिकारी से लेकर सूचना आयुक्त तक सभी उसे दुश्मन की निगाह से देखने लगते हैं।
- उर्वशी ने बताया कि आरटीआई कानून में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए व्यक्ति में व्यापक ज्ञान और अनुभव के साथ-साथ समाज के प्रख्यात होना भी आवश्यक किया गया है।
- पर सूबे की अखिलेश सरकार ने इन पदों पर अज्ञानी, अनुभवहीन और सामान्य समझ तक न रखने वाले व्यक्तियों को नियुक्त करके सूबे में आरटीआई कानून को मृतप्राय अवस्था में पहुंचा दिया है।
- उर्वशी ने वर्तमान आयुक्तों की नियुक्तियों को राजनैतिक नियुक्ति बताया है।
योगी का ध्यान आकर्षण के लिए प्रदर्शन
- बकौल उर्वशी क्योंकि अब सूबे में सत्ता परिवर्तन हो चुका है।
- सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में कानून का राज स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प हैं।
- इसीलिये उन्होंने सीएम योगी के ध्यानाकर्षण के लिए कल 20 अप्रैल को गधे के साथ इस धरने का आयोजन इस आशय से किया है कि योगी यूपी के राज्यपाल द्वारा सूचना आयुक्तों के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग भेजे गये 303 मामलों को सुप्रीम कोर्ट भिजवाकर वर्तमान सूचना आयुक्तों के खिलाफ एक्ट की धारा 17 की दंडात्मक कार्यवाही करायेंगे।
- साथ ही सूचना आयोग में खाली पड़े दो पदों पर आरटीआई कानून का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले समाज के प्रख्यात व्यक्तियों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पारदर्शी रीति से करेंगे।