विधान सभा निर्वाचन 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। सूबे की जनता ने अपना भरपूर समर्थन देकर भारतीय जनता पार्टी को विगत चुनावों में अभूतपूर्व सफलता दिलाई। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ के हाथों में सूबे की कमान देकर सूबे में कानून का राज स्थापित करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया।
सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने यूपी के निवासियों को कानून का राज देने के लिए अनेकों घोषणाएं की हैं। जिनमें से ‘एंटी रोमियो स्कवॉड’ गठित करने को उच्च न्यायालय का समर्थन भी मिल गया है। इसी बीच यूपी की राजधानी स्थित समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता ई. संजय शर्मा ने अपनी एक आरटीआई पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा दिये गये जबाब के आधार पर यह सबाल खड़ा कर दिया है कि यूपी में IPS अधिकारियों के 23% खाली पड़े पदों और PPS अधिकारियों के 29% खाली पड़े पदों की लंगड़ी पुलिस प्रणाली के सहारे योगी यूपी की बदहाल कानून-व्यवस्था को आखिर कितना सुधार पायेंगे?
बेहद चौंकाने वाली सूचना
बकौल संजय उन्होंने बीते 17 जनवरी को एक आरटीआई दायर की थी जिस पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक पी.सी. मीना और पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन प्रकाश डी. ने उनको इसी माह जो सूचना दी है वह वेहद चौंकाने वाली है।
कहां कितने पद
पी.सी. मीना ने संजय को बताया है कि यूपी में IPS कैडर के कुल 517 पद सृजित हैं। जिनमें से 400 पद भरे हैं और 117 पद खाली हैं l इन 400 पदों में से 366 पर पुरुष और 34 पर महिला अधिकारी तैनात हैं। 400 अधिकारियों में से 380 हिन्दू हैं, 10 मुसलमान हैं, 05 सिख हैं और 05 ईसाई हैं। यूपी में किन्नर IPS अधिकारियों की संख्या शून्य है। विगत 10 वर्षों में यूपी कैडर के 06 IPS अधिकारी सेवाकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। पी.सी. मीना ने संजय को यह भी बताया है कि यूपी में पिछले 10 वर्षों में मात्र 107 IPS अधिकारी ही सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किये जा सके हैं और इस आधार पर संजय का कहना है कि वर्तमान में रिक्त पड़े IPS के 117 पदों का भरना इतना आसान नहीं है।
प्रकाश डी. ने संजय को बताया है कि यूपी में PPS कैडर के कुल 1299 पद सृजित हैं जिनमें से 916 पद भरे हैं और 383 पद खाली हैं l इन 916 पदों में से 289 अपर पुलिस अधीक्षक और 627 पर पुलिस उपाधीक्षक तैनात हैं। 289 अपर पुलिस अधीक्षक में से 275 पुरुष हैं और 14 महिलाएं हैं। 289 अपर पुलिस अधीक्षक में से 276 हिन्दू हैं और 13 मुसलमान हैं। अपर पुलिस अधीक्षक पदों पर सिख, ईसाई और पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है। 627 पुलिस उपाधीक्षक में से 585 पुरुष हैं और 42 महिलाएं हैं। 627 पुलिस उपाधीक्षक में से 596 हिन्दू हैं, 25 मुसलमान हैं और 06 सिख हैं। अपर पुलिस अधीक्षक पदों पर ईसाई और पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है। यूपी में किन्नर PPS अधिकारियों की संख्या भी शून्य है। विगत 10 वर्षों में 7 अपर पुलिस अधीक्षक और 27 पुलिस उपाधीक्षक सेवाकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।
समाजसेवी संजय कहते हैं कि आजादी के इतने दिनों बाद भी यूपी के पुलिस अधिकारियों में महिलाओं और अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व न होना भी एक चिंताजनक स्थिति है l बकौल संजय बीते 10 वर्षों में 6 IPS, 7 अपर पुलिस अधीक्षक और 27 पुलिस उपाधीक्षक के सेवाकाल में मरने के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पुलिस विभाग में जैसे जैसे पद छोटा होता जाता है, राजनैतिक दबाब के कारण चिंताएं बढ़ती जातीं हैं और पुलिस कार्मिक अवसादग्रस्त होकर बीमारियों से ग्रसित होते जाते हैं।
संजय ने बताया कि उनकी निजी राय है कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे में IPS के 23% और PPS के 29% खाली पद योगी यूपी की कानून व्यवस्था सुधारने की मुहिम के रास्ते का बड़ा रोड़ा साबित होंगे और इसीलिये वे भारत के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यूपी पुलिस के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने, पुलिस के पदों पर समाज के सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व देने और पुलिस कार्मिकों के ऊपर से राजनैतिक दबाब हटाकर उनको अवसादग्रस्त होने से बचाने की मांग भी करने जा रहे हैं।