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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में यश भारती सम्मान (yash bharti award) का वितरण किया. सीएम अखिलेश ने इस दौरान 142 लोगों को यश भारती सम्मान दिया, जिसका खुलासा RTI में हुआ है. हालाँकि अनुमान के अनुसार, ये सम्मान 200 से करीब लोगों को दिया गया. लेकिन सबसे बड़ा खुलासा यश भारती सम्मान पाने वालों को लेकर हुआ है.
अखिलेश ने रेवड़ियों की तरह बांटे यश भारती सम्मान:
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इंडियन एक्सप्रेस द्वारा RTI के जवाब ने सरकार ने 142 लोगों को यश भारती सम्मान से सम्मानित किया. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने अपने नाम की अनुशंसा की थी. इसके लिए मेघालय में किये गए दो महीने लम्बे फील्डवर्क को उपलब्धि के रूप दर्शाया. कई लोगों को मुख्य कार्यक्रम के बाद भी एक-एक, दो-दो कर नामों का ऐलान किया था.
अखिलेश यादव ने अपने चाचा और एक संपादक द्वारा सुझाये गए नामों को भी जगह दी. इस यश भारती में 11 लाख रुपये की पुरस्कार राशि और 50 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाती थी. इसकी स्थापना 1994 में मुलायम सिंह यादव ने सीएम रहते की थी. अन्य दलों की सरकार ने इस पुरस्कार को बंद कर दिया लेकिन पुन: अखिलेश ने 2012 से 2017 तक यश भारती सम्मान दिए. ये पुरस्कार आधिकारिक तौर पर राज्य का संस्कृति मंत्रालय देता है. जबकि अखिलेश सरकार में कई लोगों ने इसके आवेदन सीएम ऑफिस को भेजे.
हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक सुझाव भी अखिलेश ने माने:
पुरस्कार के लिए नामों के चयन में भाई-भतीजावाद जमकर चला है. वहीँ इसके लिए मानदंड तय नहीं था. एक को आजम खान ने जबकि दो नाम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने बताये थे. हिन्दुस्तान टाइम्स के लखनऊ संस्करण की स्थानीय संपादक सुनीता एरोन द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल द्वारा अनुशंसित उम्मीदवार को भी यश भारती सम्मान दिया गया. वहीँ राजा भैया द्वारा सुझाये गए दो नामों को भी सम्मान दिया गया.
आईएएस की बेटी को भी दिया गया सम्मान:
योगी सरकार साल 2015 में आजीवन 50 हजार रुपये मासिक पेंशन देने के प्रावधान की समीक्षा कर रही है. एक आईएएस की 19 साल की बेटी को भी यश भारती पुरस्कार दिया गया था. संस्कृति विभाग की संयुक्त निदेशक अनुराधा गोयल ने बताया कि संस्कृति विभाग के निदेशक ने पुरस्कारों की समीक्षा का आदेश दिया गया है.
इनकी उपलब्धियों पर करें गौर:
- शिखा पाण्डे- दूरदर्शन की एक्सटर्नल कोऑर्डिनेटर के नाम की अनुशंसा लखनऊ के तत्कालीन एडीएम जय शंकर दुबे ने की थी.
- अशोक निगम- संप्रति समाजवादी पार्टी की पत्रिका समाजवादी बुलेटिन का कार्यकारी संपादक
- रतीश चंद्र अग्रवाल- मुख्यमंत्री के ओएसडी ने तीन सितंबर 2016 को अपने नाम की ही अनुशंसा की जिन्हें पुरस्कार और पेंशन भी दिया गया.
- मणिन्द्र कुमार मिश्रा- सपा नेता मुरलीधर मिश्रा के बेटे हैं. समाजवादी मॉडल के युवा ध्वजवाहक नामक किताब भी अखिलेश के ऊपर लिखा है.
- ओमा उपाध्याय- ज्योतिष और मनोविज्ञान आधारित विशेष वस्त्र बनाने की युगांतकारी तकनीक
- अर्चना सतीश- यश भारती पुरस्कार समारोह में ही मंच पर अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी थी. जो कि कार्यक्रम का सञ्चालन कर रही थीं. उपलब्धि के रूप में प्रतिष्ठित सैफई महोत्सव का पिछले तीन सालों से संचालन
सैफई महोत्सव में गीत गाने पर सम्मान:
- सुरभी रंजन-मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन की पत्नी.
- शिवानी मतानहेलिया- दिवंगत कांग्रेसी नेता जगदीश मतानहेलिया की बेटी.
- हेमंत शर्मा- हाल ही में इंडिया टीवी से इस्तीफा देने वाले पत्रकार. खुद को महाकुम्भ कवर करने वाला एकलौता पत्रकार बताया.
- एनएलयू दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रही स्थावी अस्थाना को भी पुरस्कृत किया गया. उनके पिता हिमांशु कुमार आईएएस रैंक के अफसर हैं और यूपी सरकार के प्रधान सचिव के पद पर थे. जबकि अस्थाना को ये पुरस्कार घुड़सवारी के लिए मिला.
- नवाब जफर मीर अब्दुल्लाह- नवाब को खेल वर्ग में यश भारती मिला. कारोबारी और खुद को लखनऊ का बताया.
- काशीनाथ यादव- समाजवादी पार्टी के सांस्कृतिक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कई सांस्कृतिक कार्यक्रम में गीत गाने और 1997 में सैफई महोत्सव में भोजपुरी लोकगीत गाने का पुरस्कार भी मिला.
कार्यक्रम की संचालिका को मंच पर ही अखिलेश ने पुरस्कार देने का कर दिया था ऐलान:
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- 2016 में यश भारती सम्मान कार्यक्रम के संचालन की कमान अर्चना सतीश ने संभाल रखी थी.
- इस संचालन में उन्होंने कई बार सीएम अखिलेश यादव की तारीफ़ में कसीदे पढ़े.
- इससे सीएम ने खुश होकर उन्हें भी यश भारती सम्मान देने का एलान कर दिया.
- उस समय प्रतीक के रूप में देने के लिए प्रतीक चिन्ह भी नहीं था.
- इसलिए सीएम ने पहले अर्चना को गुलदस्ता भेंट किया फिर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
- इसके बाद हॉल में यह चर्चा शुरू हो गई कि आखिर इस एंकर ने किया क्या है.
- सवाल उठने लगें कि किस विशेषता के चलते इन्हें यश भारती सम्मान दिया जा रहा है.
राजपुरोहित को भी दिया सम्मानः
- पुरस्कार पाने वालों में ज्योतिष विशेषज्ञ और राजपुरोहित पंडित हरि प्रसाद मिश्रा भी शामिल थे.
- सूत्रों की माने तो हरि प्रसाद मिश्रा को इसलिए सम्मान दिया गया.
- क्योंकि वह यादव परिवार के पंडित हैं और उन्हें राजपुरोहित का दर्जा प्राप्त है.
- इनके बारे में बताया गया कि इन्हें ज्योतिष का ज्ञान है और गरीब लड़कियों की शादी का अनुष्ठान मुफ्त में कराया था.
- लेकिन माना जा रहा है कि समाजवादी परिवार का करीबी होने के कारण इन्हें सम्मान दिया गया.
परिवार के फैमिली डॉक्टर को यश भारतीः
- यादव परिवार के एक फैमिली डॉक्टर को भी यश भारती देने पर खूब सवाल उठें.
- सरकारी क्षेत्रों में वर्षों से शोध कर रहें डॉक्टरों को आखिर क्यों तरहीज नहीं दी गई?
- कार्यक्रम में डॉ. रतीश चन्द्र अग्रवाल को भी यश भारती सम्मान से नवाजा गया.
- इनकी विशेषता यह है कि यह यादव परिवार के फैमिली डॉक्टर हैं और मुलायम के करीबी माने जाते हैं.
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