परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश शासन ने लखनऊ सहित प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय में वर्षो से तैनात बाबुओं का ट्रांसफर कर दिया। शासन के निर्देश पर परिवहन आयुक्त कार्यालय से 318 बाबुओं की तबादला सूची जारी कर दी गई। बाबुओं की एक साथ इतनी बड़ी संख्या में तबादले की सूची जारी होते ही कर्मचारियों में खलबली मच गई।
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कई सालों से थे एक ही जगह तैनात
- सूची में वरिष्ठ सहायक के 218, कनिष्ठ सहायक के 60 व प्रधान सहायक के 40 कर्मचारी सम्मिलित हैं।
- परिवहन विभाग से जारी तबादला सूची में सबसे बड़ा फेरबदल लखनऊ आरटीओ कार्यालय में नजर आ रहा है।
- यहां संभागीय परिवहन कार्यालय ट्रांसपोर्टनगर और देवा रोड एआरटीओ कार्यालय को मिलाकर कुल 22 बाबुओं के तबादले हुए हैं।
- परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिन बाबुओं के ट्रांसफर हुए हैं।
- उनमें जनपद स्तर पर तीन वर्ष और मंडल स्तर पर सात वर्षों से तैनात बाबुओं को चिन्हित कर
तबादला किया गया है।
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इनके हुए तबादले
- अनुराग शुक्ला, अशोक कुमार
- यूडी तिवारी, प्रीति तोमर व अम्बरीश राव को कानपुर
- इसकेअलावा रामलखन, अयोध्या प्रसाद को सुलतानपुर
- प्रियंक मिश्रा को गाजियाबाद, राखी मिश्रा, सुदीप मौर्या को सीतापुर
- रंजन कुमार को पीलीभीत, त्रिभुवन को संतकबीर नगर
- सरफराज प्रथम को इटावा, सरफराज द्वितीय व गायत्री देवी को बाराबंकी
- राजकुमार को लखीमपुर, अम्बिका प्रसाद व विपिन कुमार को गोरखपुर
- शोभित मिश्रा को उन्नाव, प्रदीप कुमार व दीपक मिश्रा को फैजाबाद
- मोहिता अग्रवाल को हरदोई भेजा गया।
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चला जुगाड़ का फंडा
- अर्से बाद शासन स्तर पर एक साथ इतनी संख्या में आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में जमे बाबुओं का ट्रांसफर किया गया है।
- परिवहन विभाग में चर्चा यही है कि अभी तक आकस्मिक ट्रांसफर की जद में अधिकांश मौकों पर अधिकारी की निगाह में रहते थे।
- पर अब बाबूओं की भी साठगांठ पर उनकी नजरें पड़ी हैं और जिसका नतीजा सामने दिख गया।
- कहा तो यह भी जा रहा है कि बिना किसी जोर-शोर या किसी दबाव के बाबुओं की ट्रांसफर लिस्ट तैयार की गई है।
- लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो इस बार भी दूसरे तरीके से स्थानांतरण प्रक्रिया में जुगाड़ का फंडा चला है।
- जिन 318 बाबुओं का ट्रांसफर किया गया है उनमें से एक ही गुट के कई कर्मियों का स्थानांतरण एक साथ दूसरे कार्यालयों में किया गया है।
- ऐसे स्थानांतरण का क्या औचित्य। सूत्रों का तो यही बात विभाग से लेकर लोगों के समक्ष सार्वजनिक न हो जाए।
- इसीलिए स्थानांतरित किए गए बाबुओं को एक साथ ट्रांसफर नहीं किया गया है.
- बल्कि उनके ट्रांसफर की औपचारिक सूचना व व्यक्तिगत प्रपत्र उनके संबंधित कार्यालयों को भेजने की तैयारी चल रही है।
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महिला कर्मचारियों के तबादलों पर हो सकता है पुनर्विचार
- परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इतनी बड़ी सं या में हुए तबादलों में हो सकता है।
- जल्दबाजी में कुछ महिला कर्मचारियों के तबादले भी काफी दूर कर दिए गए हों।
- घर से काफी दूर तबादला होने से उन्हें परेशानी हो सकती है।
- इसके अलावा किसी महिला कर्मचारी को किसी तरह की बीमारी है और दूर जाने में असमर्थ हैं।
- ऐसी महिला कर्मचारियों के प्रार्थना पत्र अगर आते हैं तो उन पर पुनर्विचार करने के लिए शासन को भेजा जा सकता है।
समीक्षा के बाद होंगे तबादले
- सूत्रों की मानें तो 318 बाबुओं के तबादले के बावजूद अगर कहीं कोई बाबू छूट गया है तो एक बार फिर समीक्षा की जाएगी।
- समीक्षा करने के बाद जनपद स्तर पर तीन साल और मंडल स्तर पर सात साल से जमे बाबुओं का तबादला किया जाएगा।
- ऐसा कोई भी बाबू नहीं छूटेगा जो तीन से सात साल तक एक जगह पर काम करने के बावजूद उसी जगह पर काम करता रहे।
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