राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में यूपीएएल फैक्ट्री की जमीन से हटाए गए 40 साल पुराने शिव मंदिर से नाराज लोगों ने पुराने स्थान पर ही धार्मिक आयोजन कर भंडारे का आयोजन कर दिया। आयोजन में सैकड़ों की संख्या में साधू-संतों के साथ स्थानीय लोगों के पहुंचने की सूचना पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। विवाद को देखते हुए एसडीएम पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे। रोक के बावजूद आयोजक कार्यक्रम करने पर अड़े थे। कार्यक्रम को रोकने के लिए पुलिस के साथ पीएसी और केन्द्रीय पुलिस को तैनात किया गया है।
चोरी छिपे मंदिर को गिरवाने का आरोप
- प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, मोहनलालगंज में यूपीएएल फैक्ट्री की जमीन पर 40 वर्षो से एक शिव मंदिर बना था।
- आरोप है कि फैक्ट्री के अधिकारियों ने चोरी छिपे मंदिर को गिरवा दिया।
- फैक्ट्री के अधिकारियों का कहना था कि मंदिर में पूजा-पाठ न होने के कारण मंदिर के शिवलिंग को दूसरी जगह स्थापित करवा दिया गया था।
- विरोध के बाद फैक्ट्री ने रायबरेली हाइवे के किनारे नया मंदिर बनवा दिया।
- लेकिन कुछ लोग पुरानी जगह पर ही शिव मंदिर बनवाने के लिए अड़े हैं।
पीएसी के साथ केन्द्रीय पुलिस बल तैनात
- स्थानीय लोगों ने रविवार को उसी जगह पर धार्मिक अनुष्ठान और भंडारे का आयोजन कर दिया।
- बिना अनुमति के कार्यक्रम करने की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम चंदन पटेल ने आयोजन पर रोक लगा दी।
- इंस्पेक्टर धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा ने बताया कि तनाव को देखते हुए पुलिस व पीएसी के साथ केन्द्रीय पुलिस बल तैनात किया गया है।
- एसपी ग्रामीण डॉक्टर सतीश कुमार ने भी मौके का जायजा लिया।
- फ़िलहाल क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
- पुलिस प्रशासन सभी लोगों को समझाने की कोशिश में जुटा हुआ था।
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