राजधानी लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र के राजेंद्रनगर स्थित राजेंद्रनगर अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत होने पर मंगलवार रात को जमकर हंगामा हुआ। सआदतगंज की दिव्या शुक्ला (26) मंगलवार को गर्भाशय के ट्यूब ब्लॉक होने का ऑपरेशन करवाने आई थीं। आरोप है कि ऑपरेशन कर रहे डॉक्टरों ने शरीर की कोई नस काट दी। इस वजह से उसके शरीर से काफी खून बहना शुरू हो गया। मरीज की हालत बिगड़ती देख उसे सिप्स ले जाने को कहा गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद महिला के परिवारीजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर तोड़फोड़ की। बवाल की सूचना पाकर सीओ कैसरबाग भारी फोर्स लेकर मौके पर पहुंच गए। पीड़ित परिवार की तहरीर पर पुलिस ने हॉस्पिटल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
प्रभारी निरीक्षक विश्वजीत सिंह ने बताया कि शाहगंज निवासी सचिन शुक्ला ने बताया कि उनकी छोटी बहन दिव्या शुक्ला के गर्भाशय की ट्यूब ब्लॉक थी। इसके इलाज के लिए नाका के राजेंद्रनगर अस्पताल में भर्ती करवाया। आरोप है कि अस्पताल की निदेशक सुनीता चंद्र ने ऑपरेशन के लिए डॉ. संजीव गुप्ता को बुलाया था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान दिव्या की कोई नस कट गई। नस कटने से शरीर से काफी खून बहने लगा, जिसके बाद डॉक्टरों ने परिवारीजनों को ब्लड का इंतजाम करने को कहा। इस दौरान मरीज की हालत गंभीर होती देख डॉक्टरों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए उसे सिप्स अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पहुंचते ही सिप्स के डॉक्टरों ने दिव्या को मृत घोषित कर दिया।
मरीज की मौत के बाद परिवारीजन भारी संख्या में सुनीता चंद्रा अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में पीड़ित परिवार ने जमकर तोड़फोड़ किया। हालात बेकाबू होता देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को हंगामे की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवारीजनों को किसी तरह शांत करवाया। इसके बाद मृतका के भाई सचिन की तहरीर पर अस्पताल के खिलाफ लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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