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बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की. इसके साथ ही यूपी की योगी सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी करार दिया था. साथ ही किसानों की ऋण माफ़ी का प्रमाण पत्र भी वितरित करने का कार्यक्रम शुरू हो गया.ऋण मोचन योजना के नाम से किसानों को कर्ज माफ़ी के प्रमाण पत्र वितरित किये जाने लगे. लेकिन प्रमाण पत्र में जो कुछ सामने आया है उसके बाद योगी सरकार की किरकिरी तय है.
ऋण मोचन प्रमाण पत्र में किसानों का उड़ा मजाक:
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किसानों के ऋण मोचन प्रमाण पत्र के साथ योगी सरकार के मंत्री फोटो खिंचाते नजर आये हैं. तमाम मंत्री अलग-अलग जिलों में प्रमाण पत्र वितरित कर रहे हैं.
- कर्ज माफ़ी में ये कहा गया कि लघु व सीमांत किसानों के 1 लाख तक के फसली ऋण माफ कर दिए गए हैं.
- इसके लिए बैंकों को भी निर्देश जारी कर दिया ताकि किसानों को बेवजह परेशान न किया जाए.
- वहीँ अब इस मामले में सरकार की किरकिरी होती दिखाई दे रही है.
- कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जहाँ किसानों को 3 रु और 10 रु खाते में ट्रांसफर किये जा रहे हैं.
3 रु और 10 का प्रमाण पत्र किसानों को बाँट रही है योगी सरकार:
- हमीरपुर की शांति देवी को 10 रु राशि क्रेडिट करने का प्रमाण पत्र सरकार ने दिया है.
- वहीँ इटावा में एक किसान को 3 रु उसके के.सी.सी खाते में क्रेडिट करने का प्रमाण पत्र सरकार ने दिया है.
- दोनों ही मामलों में किसानों पर एक लाख तक का कर्ज था.
- अब इस प्रमाण पत्र को लेकर किसान मजाक के पात्र बनते नजर आ रहे हैं.
- गाँव में उनका मजाक उड़ाया जा रहा है.
- सरकार की क़र्ज़ माफी योजना में किसान के 10.37 पैसे माफ़ कर दिए गए हैं और रक़म उसके बैंक खाते में जमा कर दी गयी है.
- अभी तक ये स्पस्ट नहीं हो सका है कि ये कोई प्रिंटिंग मिस्टेक है या सरकार की लापरवाही का नतीजा.
- फ़िलहाल योगी सरकार ने इसपर चुप्पी साध ली है.
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