सरकार भले ही दलितों को अपने पक्ष में करने और ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अपने मंत्रियों से गाँवों में रात्रि प्रवास और दलितों के घर भोजन करने जैसे निर्देश दे दें. पर उत्तर प्रदेश के मंत्री अपना वीआईपी ट्रीटमेंट छोड़ने को बिल्कुल तैयार नही है. कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री सुरेश राणा के बाद अब प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के लखनौती दौरे से तो यहीं साफ़ है.
लखनौती गाँव में किया रात्रि प्रवास:
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को ग्रामीणों और दलितों से सीधे सम्पर्क साधने और उनके साथ वक्त गुजारने के निर्देश दिए जाने के बाद भी उनके राजश्री ठाट में कोई कमी नजर नही आ रही. यहीं कारण है के मंत्रियों का रात्रि प्रवास और दलितों के घर भोजन करने को लेकर विवाद बना हुआ है. पिछले दिनों मंत्री सुरेश राणा के विवाद के बाद अब प्रदेश के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उन्ही के पदचिन्हों पर चलते हुए ना केवल सरकार के निर्देशों की अवहेलना की, बल्कि अपने इस तरह के व्यवहार से दलितों और आम जनता को भी मुर्ख बनाने का प्रयास किया.
बता दें बीते दिन मंत्री सूर्य प्रकाश शाही ने लखनौती गांव में रात्रि प्रवास किया था. इस दौरान उनके लिए धर्मशाला में ही खाना बना और उन्होंने वहीं खाना खाया.
इसके अलावा खाने के बाद वह गाँव के ही एक सरकार ग्रामीण बूटा सिंह के घर पर रात्रि प्रवास किया. बता दे की प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप साही ने गाँव में लालाओं की एक धर्मशाला में हलवाइयों द्वारा बना भोजन किया था, जबकि सभी मंत्रियों को दलितों के घर भोजन करने के निर्देश हैं.
इतना ही नही मंत्री जी ने अगले दिन सुबह नास्ते दो दलितों के यहाँ किया. ग्रामीण दलितों के यहाँ उन्होंने नास्ते में ड्राईफ्रूट्स और बिस्किट लिए.
योगी के मंत्री नही छोड़ पा रहे वीआइपी कल्चर:
हालाँकि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने चोपाल लगाकर ग्रामीणों को वीआईपी कल्चर त्याग कर ग्रामीण परिवेश में रहने और जीने का सन्देश जरुर दिया. पर खुद मंत्री जी एक रात के लिए वीआईपी कल्चर त्यागने में सक्षम नहीं हो सके.
गौरतलब है कि इससे पहले राज्यमंत्री सुरेश राणा भी गाँव में एक दलित के घर पहुंचे थे. जहाँ उनके पहुँचने से पहले ही उनके खाने की व्यवस्था हो चुकी थी. सुरेश राणा के लिए दलित के घर के पीछे ही वीआईपी खाना बनवाया गया था और जिस दलित के घर वो गये थे उसे खुद इस बात की जानकारी नही थी.