राजधानी के काकोरी थाना क्षेत्र क्षेत्र की हाजी कॉलोनी में मंगलवार को आतंकी सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद यह साबित हो गया कि राजधानी में आतंकियों की जड़ें गहरी हो चुकी है।
- यहां इससे पूर्व कई आतंकी पकड़े गये, लेकिन मुठभेड़ में यह पहला आतंकी मारा गया।
- करीब ढ़ाई महीने से किराये के मकान में रहकर लखनऊ के अलावा पूरे प्रदेश की गतिविधियों पर नजर रखने और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
- दरअसल लखनऊ को पहले कई आतंकी अपनी शरणस्थली के तौर पर इस्तेमाल कर चुके हैं, उनका यहां काफी लंबा नेटवर्क भी रहा है।
- लेकिन सवाल यह उठ रहा है इतने दिनों से आतंकी राजधानी में डेरा जमाये रहा और तमाम खुपिया सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक क्यों नहीं लग पाई?
सरगना पर जमी हुई हैं सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें
- देश के लिए नासूर बने आईएस को मजबूत करने के लिए आतंकी ताकत झोंक रहे हैं।
- सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद यह साफ हो गया कि आईएस का पूरे यूपी में नेटवर्क फैल रहा है। फिलहाल इनके नापाक मंसूबों को खत्म करने के लिए खुफियां तंत्र ने भी कमर कस ली है।
- एटीएस सूत्रों का दावा है काकोरी की हाजी कॉलोनी में मुठभेड़ में मारे गये आतंकी सैफुल्लाह मलिहाबाद निवासी बादशाह के मकान में किराये पर रहकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए आईएस के इशारे पर जमीन तैयार कर रहा था।
- इनका नेटवर्क यूपी के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र, कोलकता, दिल्ली और बिहार तक फैला हुआ है।
- अब सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें मारे गये आतंकी सैफुल्लाह के साथियों एवं सरगना पर जमी हुई है।
- माना जा रहा है कि इस समय आईए के तार को बल मिल रहा है।
- आतंकी सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद एक बार फिर इस खूंखार संगठन का सूबे में मजबूत कनेक्शन सामने आ रहा है।
आईएस का खास सदस्य था आतंकी सफुल्लाह
- देश के लिए घातक बने और आंतक का जाल बिछाने वाले आईएस के सदस्य हमेशा के लिए मददगार बन रहे हैं।
- हालांकि एटीएस की टीम ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहने वाले आतंकी सैफल्लाह के नापाक मंसूबे को नाकाम करते हुए मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था।
- लिहाजा सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी नेटवर्क काफी हद तक ध्वस्त कर दिया है।
- हाजी कॉलोनी में मारा गया आतंकी सैफुल्लाह के पास से बरामद खतरनाक असलहों और बारूद तथा नक्शा से साफ लग रहा है कि लखनऊ में दाखिल होने से पहले ही आतंकी प्रशिक्षण प्राप्ता कर चुका था।
- माना जा रहा है कि अपने तीन साथियों के साथ वह करीब ढ़ाई महीने तक स्लीपिंग माडयुल की भूमिका में था।
- तेलंगाना पुलिस के अलावा अन्य राज्यों में भी आतंकी सैफुल्लाह को पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों को तलाश था।
- लिहाजा मारे गये आतंकी के ठिकाने से मिले रिकार्ड के बाद खुफिया विभाग के अफसरों ने उसके साथियों की तलाश तेज कर दी है।
इससे पहले भी यहां रहा आतंकियों का ठिकाना
- 26 अगस्त 2009 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आतंकी मो. असलम उर्फ मो. सलीम पकड़ा गया था।
- आतंकी असलम वर्ष 2003 में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से पहले लश्कर के गढ़ में आतंकी ट्रेनिंग पूरी कर ली थी।
- 9 मार्च 2015 को एटीएस टीम ने आतंकी इजहार का साथी आसिम उज्मा उर्फ मंजुल को गिरफ्तार किया था।
- एटीएस ने 21 अक्तूबर 2010 को आतंकी माडल हाउस निवासी इजहार को पकड़ा था।
- 23 जनवरी 2016 को एनआइए ने आइएस के आतंकी इंदिरानगर स्थित मुंशी पुलिया के पास से मो. अलीम को गिरफ्तार किया था।
- यह तो बानगी भर है और भी आतंकी इससे पहले पकड़े गये, लेकिन मारे नहीं जा सके।