कैराना में पलायन के मुद्दे पर सूबे में सियासी उबाल के बाद एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के कैराना में तथाकथित हिन्दुओं के पलायन की लिस्ट सामने आने के बाद गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में महंतों और संतों का जमावड़ा लग गया है यहां संतो के बीच हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर मंथन किया गया। इसके बाद संतों ने अपने खून से चिठ्ठी लिखकर राष्ट्रपति के पास भेजी है और इस ओर ध्यान आकर्षित कराया है।
- पत्र लिखने वाले नरसिम्हानंद सरस्वती का कहना है कि गाजियाबाद के कैलाश नगर गांव कुछ ही सालों में किला भट्टा बना गया।
- उनका कहना है कि कई हिन्दू परिवार यहां रहते थे लेकिन अब वो यहां से पलायन कर चुके हैं, अब वो पत्र के जरिये ये बात सरकारों को बताना चाहते हैं।
- इसके अलावा इस मुद्दे पर सरकार से भी एक श्वेत पत्र जारी करने की अपील की गई है, संतों ने सरकार से मुस्लिम बहुलता वाले इलाकों मे हिन्दु परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराये जाने की भी मांग की है।
- दिल्ली के कालका जी मदिर के संत देवेन्द्र नाथ, डासना के देवी मंदिर के महंत नार्सिम्हानन्द सरस्वती और दुशेध्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने हिन्दुओं के पलायन को लेकर चिंता जताई।
- हिंदुओं के पलायन की खबरें आने के बाद गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में संतो का जमावड़ा लग गया है।
- संतो का कहना है कि गाजियाबाद में मंदिर के आसपास का इलाका कभी हिंदू बहुल होता था लेकिन अब पलायन के बाद हिन्दुओं की आबादी में कमी आयी है।
- मालूम हो कि कैराना मामले पर ही संतों के दो गुटों की राय अलग- अलग है। एक गुट पलायन की बात को स्वीकार करता है, वहीं, संतों का दूसरा गुट पलायन की बात से इंकार करते हुए इसे झूठा करार दे रहा है।