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समाजवादी पार्टी में चल रहा दंगल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते दिन अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का आपातकालीन सम्मलेन बुलाकर खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया। इसके बाद सम्मलेन में अमर सिंह को बाहर करने और शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव आया जो सभी ने माना। हालाँकि अखिलेश द्वारा बहुत पहले से ही इन दोनों पर अपनी नजर रखनी शुरू हो गयी थी।
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अमर सिंह को हटाने के कारण :
- सीएम अखिलेश यादव सपा महासचिव अमर सिंह के पार्टी में वापसी का ही विरोध कर रहे थे।
- मगर सपा सुप्रीमो के दबाव में अमर की वापसी हो गयी और वे कुछ नहीं कर सके।
- उन्हें लगने लगा था कि अमर पार्टी में आकर उसे तोड़ने का काम कर रहे है और उनके चाचा शिवपाल इसमें उनकी मदद कर रहे है।
- मुलायम भी अमर सिंह की हरकतों को नजरअंदाज कर रहे है।
- अखिलेश को जब प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया तो उन्होंने इसका सीधा आरोप अमर सिंह पर लगाया भी था।
- मगर शिवपाल और अमर सिंह के दबाव में वे कुछ नहीं कह पाए थे।
शिवपाल को इसलिए हटाया :
- बीते दिन अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही शिवपाल यादव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया।
- उनका खुले तौर पर मानना था कि वे दागी छवि वाले उम्मीदवारों को पार्टी का टिकट दे रहे है।
- साथ ही अखिलेश भी टिकट वितरण में अपना अधिकार चाहते थे जो उन्हें शिवपाल के रहते मिलता नहीं दिख रहा था।
- अखिलेश यादव शिवपाल द्वारा कराये गए कौमी एकता दल के विलय के भी सख्त खिलाफ थे।
- शिवपाल भी अखिलेश का वर्चस्व पार्टी से बिल्कुल ख़त्म कर देना चाहते थे।
- इसीलिये उन्होंने अखिलेश की युवा टीम को भी प्रदेश कार्यकारिणी से बाहर कर दिया था।
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