बसपा प्रमुख ने समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में सपा और भाजपा की मिलीभगत उजागर हो चुकी है। भाजपा के कहने पर ही सपा ने महागठबंधन तोड़ा था। महागठबंधन के नाम पर सपा जनता से छलावा कर रही है। महागठबंधन करने वालों का यूपी में बहुत सीमित प्रभाव है, कांग्रेस से साथ गठबंधन की बात कह कर सपा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।
- यूपी में सपा के रजत जयंती के मौके पर महागठबंधन बनाने की कोशिश संकीर्ण मानसिकता बताती है।
- देश के छोट बड़े धर्मनिरपेक्ष किसी भी दल के पास कोई कारण नहीं है कि सपा से गठबंधन करे।
- मायावती ने कहा कि अगर सपा सरकार ने ‘काम किया होता तो रथयात्रा निकालने की जरूरत नहीं पड़ती।
- सपा सरकार के मुख्यमंत्री को अपराधियों का साथ लेकर विकास यात्रा निकालने की जरूरत नहीं होती।
- समाजवादी पार्टी मुस्लिम विरोधी सरकार बनाना चाहती है।
- यूपी में सबसे ज्यादा साम्प्रदायिक दंगें सपा सरकार में हुए हैं।
- यूपी में सपा सरकार के समय ही मुजफ्फरनगर और दादरी दंगे हुए।
अखिलेश-शिवपाल समर्थक एक दूसरे हो हराएंगेः
- चुनाव में अखिलेश और शिवपाल के समर्थक ही एक-दूसरे को हराने का काम करेंगे।
- समाजवादी पार्टी में परिवार और कार्यकर्ताओं के बीच जंग छिड़ी हुई हा।
- सपा ने चुनाव से पहले गुण्डे, माफियाओं और अरजक तत्वों की फौज खड़ी कर ली है।
- समाजवादी सरकार में भ्रष्टाचारी और अपराधी लोग भरे हुए हैं, यहां बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है।
सपा को वोट देने का कोई कारण नहीः
- यूपी में सपा से गंठबंधन मतबल भाजपा को मदद करना है।
- समाजवादी पार्टी के दोहरे चाल-चरित्र से सभी लोग वाकिफ हैं।
- सपा को वोट देना और भाजपा को वोट देना एक बराबर है।
- बरहाल समाजवादी पार्टी को वोट देने का कोई ठोस कारण नहीं है।