समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियां करना शुरू कर दिया है। पिछले 2 चुनावों में मिली हार की समीक्षा करते हुए इस चुनाव में दमदार प्रदर्शन करने का दबाव सपा पर जरूर है। यही कारण है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद कन्नौज से अब चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्वांचल में भाजपा को घेरने के लिए अब अखिलेश यादव को नया साथी मिल गया है जिसका साथ उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में मिलने की चर्चाएँ हैं।
सपा अध्यक्ष का संबोधन :
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वाराणसी में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के मंच से हुंकार भरते हुए भाजपा को घेरा। सपा अध्यक्ष ने मंच पर पहुँचते ही भाजपा सरकार के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा वालों से अच्छा वादा किसी को करना नहीं आता है। उन्होंने 15 लाख सबके खातों में देने का वादा किया था, अब तो 5 बजट निकल गये हैं। किसी को 15 लाख खाते में मिले क्या। उन्होंने कहा कि चुनाव अभी काफी दूर है। उन्होंने कहा कि हम लोग वोट के लिए गले लगाने नहीं आये हैं। भाजपा ने तो जनता के लिए शुरू एम्बुलेंस को भी रोक दिया है। अखिलेश ने कहा कि चौहान समाज हमारे छोटे भाई की तरह हैं। सपा आपके साथ कदम मिलाकर चलने को तैयार है।
जनवादी पार्टी बन सकती है सहयोगी :
समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपने सहयोगी दलों की तलाश करना शुरू कर दिया है। बीते दिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुई जनवादी सोशलिस्ट पार्टी की रैली में अखिलेश यादव मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इसके बाद से इस घटना के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। रैली के मंच पर चौहान समाज के लोगों के बीच अखिलेश ने कहा कि वह यहाँ पर लोगों से मिलने और उन्हें गले लगाने आये हैं। जनवादी पार्टी अध्यक्ष संजय चौहान को अपना छोटा भाई बताते हुए अखिलेश ने कहा कि अगला चुनाव इन्हीं के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। जनवादी पार्टी की पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी पैठ मानी जाती है। देखना है कि इसका कितना फायदा सपा को मिलता है।