2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को रोकने के लिए सपा और बसपा ने एकसाथ आने के संकेत दिए हैं। इसका नजारा गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनावों में देखने को मिला था जहाँ पर भारी अंतर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। गठबंधन होने की चर्चाओं के बाद भी अभी तक इसका आधिकारक ऐलान नहीं हो पाया है। इस बीच समाजवादी पार्टी की तरफ से कुछ ऐसा काम कर दिया गया है जिसके बाद बसपा नेतृत्व को झटका लग सकता है।

बसपा के बागी नेता को दिया पद :

समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सियासी जमीन मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अखिलेश यादव ने अपनी टीम का फिर से गठन शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने इलाहाबाद जिले की जिम्मेदारी कृष्ण मूर्ति सिंह यादव को सौपी है। हालाँकि इससे ज्यादा चर्चा उस चेहरे को लेकर है जो बसपा से बागी होकर सपा में आया है। बसपा के बागी नेता का नाम दूधनाथ पटेल है जिन्हें सपा ने महासचिव बनाया है। सपा के फ्रंटल संगठनों के जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी है। सपा के जिला मीडिया प्रभारी दान बहादुर ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अनुमति से जिले की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई है।

4 बार जिप सदस्य रहें हैं दूधनाथ पटेल :

सपा ने बसपा के बागी दूधनाथ पटेल को महासचिव की जिम्मेदारी दी है। दूधनाथ पटेल चार बार लगातार जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा बसपा में रहते हुए वे जिला महासचिव सहित अलग अलग पदों पर काम कर चुके हैं। इलाहाबाद की नई सपा जिला कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष पद पर इन्द्रनाथ मिश्र, मेराज आरिफ, विनय कुशवाहा तथा कोषाध्यक्ष पद पर गुलाब सिंह यादव को नामित किया गया है। इसके अलावा जिला सचिव सहित 47 सदस्यीय कार्यकारिणी की घोषणा भी की गई है।

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