आगामी लोक सभा चुनावों के पहले 2 दिन तक शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद ने अपने-अपने अंदाज में अयोध्या को मथा। दो दिन की खींचतान और तमाम हलचल के बाद अयोध्या कुछ खामोश है। हालांकि यह खामोशी कुछ ही समय की बात है। अब चुनाव तक मंदिर या इसके बहाने अयोध्या को झकझोरा जाता रहेगा। कुल मिलाकर चुनाव तक अब अयोध्या को चैन मिलता नहीं दिख रहा है। अयोध्या में हुई धर्म सभा के दौरान कई भाजपा विधायक और सांसद पहुंचे थे लेकिन सभी को सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब इसमें सपा के कद्दावर नेता भी शामिल हुए।
सपा नेता ने थामा भाजपाई झंडा :
प्रभु श्रीराम के प्रति गहन आस्था ने सपा समर्थित ब्लॉक प्रमुख के हाथों में भाजपाई झंडा थामने पर मजबूर कर दिया है। समाजवादी पार्टी के निर्देशों को दरकिनार कर सलेमपुर के ब्लॉक प्रमुख जय श्रीराम के नारे के साथ अयोध्या रवाना हो गए थे। इस दौरान उनके साथ कई समर्थक भी थे। साथ ही उनके हाथों में भाजपा का झंडा भी दिखाई दे रहा था।
हालांकि ब्लॉक प्रमुख ने अभी भी समाजवादी पार्टी में ही अपनी निष्ठा जताई है। सपा नेता के इस काम को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। सपा जिलाध्यक्ष ने पूरे मामले से नेतृत्व को अवगत कराने की बात कही है। सपा जिलाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने कहा कि राजेश सिंह मंटू सपा के प्रमुख हैं। जिम्मेदार व्यक्ति के हाथ में दूसरे पार्टी का झंडा और नारा लगाना गलत है।
भाजपा सांसद-विधायक संग दिखाई दिए :
यूपी के सलेमपुर ब्लॉक के प्रमुख राजेश सिंह मंटू सपा के समर्थन से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह लगातार सपा के कार्यक्रमों में सक्रिय रहे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर आयोजित धर्मसभा में शामिल होने के लिए वे भाजपा कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं के साथ यात्रा पर निकले। इस दौरान सांसद रवींद्र कुशवाहा, विधायक काली प्रसाद के साथ प्रमुख मंटू सिंह ने भी वाहन को संयुक्त रूप से भाजपा का झंडा दिखाकर रवाना किया।
सुबह फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो चर्चाएं शुरू हो र्गइं। इस संबंध में पूछे जाने पर ब्लॉक प्रमुख राजेश सिंह मंटू ने बताया कि मैं सपा में हूं। श्रीराम में मेरी आस्था है। उनका मंदिर बनाने के लिए अयोध्या आया हूं।
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