2019 के लोकसभा चुनावों को लाकर सियासत में राजनैतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकर चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बसपा से गठबंधन को लेकर पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच अखिलेश यादव ने सपा की तरफ से लोकसभा चुनाव के प्रचार का बिगुल फूंक दिया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पीएम मोदी द्वारा शिलान्यास के बाद सपा ने और आक्रामक रुख अख्तियार कर लिए हैं। इसी क्रम में सपा की तरफ से 26 जुलाई से साइकिल यात्रा शुरू हो रही है जो जनता के बीच जाकर अखिलेश यादव के कामों को बतायेगी।
इनके हाथ में साइकिल यात्रा की कमान :
समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने समाजवादी युवजन सभा, छात्र सभा, मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड तथा लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्षों को पत्र लिख कर यात्रा की तैयारी के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस यात्रा की कमान समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव अरविंद गिरी को दी गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने मीडिया को बताया कि बलिया में लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जन्म स्थली से साइकिल यात्रा प्रारम्भ होकर गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, आंबेडकर नगर, फैज़ाबाद, बाराबंकी गुजरते हुये 5 अगस्त को लखनऊ पहुंचेगी। यहां उसकी अगुआई समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश महामंत्री अरविन्द गिरी करेंगे। साईकिल यात्रियों का जत्था कस्बों व गॉवों में लोगों को समाजवादी नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी देगा। यह यात्रा बलिया से शुरू होकर 5 अगस्त को जनेश्वर मिश्र की जयंती पर लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में खत्म होगी।
अखिलेश भी चला चुके हैं साईकिल :
2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यूपी की सड़कों पर खूब साइकिल चलाई थी। सैकड़ों सपाइयों के साथ उनकी साइकिल जनता के बीच पहुंची थी। इसका असर था कि समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई थी और अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त अखिलेश यादव को मिली। अब 2014 के बाद एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव साइकिल पर सवार होकर जनता के बीच जाएंगे।