2019 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। धीरे-धीरे सियासी पारा चढ़ रहा है। हर पार्टी अपना अपना समीकरण अभी से फिट करने में जुटा हुआ है। वहीं जिले में चर्चा जोरों पर है कि कौन पार्टी किस पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। लेकिन इसी चुनाव के नजदीक आने बाद भी प्रतापगढ़ जिले में सपा कार्यकारिणी का गठन ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। लोक सभा चुनाव के नजदीक आते ही सपा कार्यकर्ताओं में चर्चा शुरू हो गया है कि बिना कार्यकारणी के गठन के लोकसभा की नैया कैसे पार होगी।
छः माह बाद भी कार्यकारणी
बता दें प्रदेश के हर जिले में कार्यकारणी का गठन हो चुका है लेकिन प्रतापगढ़ जिले में गठन का बंटाधार है। कार्यकर्ताओं की मानें तो जिला अध्यक्ष राम सिंह पटेल पूरी तरह से जिले में फेल साबित हो रहे हैं। 15 दिन में कार्यकारिणी बना कर प्रदेश कार्यालय भेजना था, लेकिन अध्यक्ष बनने के छः महीने बाद भी जिला कार्यकारिणी नहीं बनी है।
कार्यकर्ता और जिम्मेदार के बीच असमंजस बरकरार
वहीं बताया जा रहा है कि जिम्मेदार सपा नेता और कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस बरकरार है। कार्यकारिणी पिछले कई माह से भंग है फिर भी कई नेता पद लेकर टहल रहे हैं। कहना है कि जिलाध्यक्ष की अनुभवहीनता सपा के लिए मुसीबत बनी हुई है। कार्यकर्ता और सपा के स्थानीय वर्कर जिम्मेदार कार्यकर्ता और नेता परेशान हैं।
पूर्व विधायक बने मुसीबत
कार्यकर्ता हर माह कार्यकारणी समिति का गठन की मांग करते रहते हैं लेकिन अब तक गठन नहीं हो पाया है। वहीं कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है जिम्मेदार रायबरेली रहते है तो फिर प्रतापगढ़ का संगठन कैसे चले। पट्टी के पूर्व विधायक राम सिंह पार्टी संगठन के लिए मुसीबत बने हुए हैं।