समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां करना शुरू कर दिया है। यूपी के विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस से सपा ने गठबंधन किया था जिसका सीधा खामियाजा दोनों पार्टियों को मिला था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आहत होते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन से इंकार कर दिया था। मगर लोकसभा चुनावों के पहले यूपी की एक बड़ी पार्टी ने आगामी चुनावों में समाजवादी पार्टी को समर्थन देने के संकेत दिए हैं।

जनवादी पार्टी दे सकती है समर्थन :

2019 के लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भारतीय समाज पार्टी के भाजपा से गठबंधन तोड़ने की धमकी देने के बाद अब जनवादी पार्टी भी भाजपा से दूर हो सकती है। आज वाराणसी में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी की रैली आयोजित की गयी है जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मुख्य अतिथि बन कर जायेंगे। पार्टी ने अपने बयानों में साफ संकेत दिया है कि वह आगामी चुनाव में समाजवादी पार्टी का साथ देगी। जनवादी पार्टी महासचिव दीपक चौहान ने बताया कि 2012 में उन्होंने बीजेपी का साथ दिया मगर उन्होंने उनके साथ अन्याय किया। अखिलेश की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने शोषित, अति पिछड़े समाज के लिए लगातार कई काम किये हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग हमेशा अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं।

4 सीटों पर लड़ा था चुनाव :

जनवादी पार्टी ने बताया कि उन्होंने साल 2012 में भाजपा के साथ 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर अब वे लोग समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन देंगे। पिछले काफी दिनों से देखने को मिला है कि भाजपा से जाने वालों के लिए अखिलेश यादव पहली पसंद बनते जा रहे हैं। सभी दलों से आये नेता लगातार सपा को ज्वाइन कर रहे हैं। ऐसे में 2019 के पहले क्षेत्रीय पार्टियों का भाजपा का साथ छोड़ना उसके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब देखना है कि जनवादी पार्टी का साथ छोड़ने का कितना असर आगामी लोकसभा चुनावों पर पड़ता है।

 

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