2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव दावा कर रहे हैं कि पार्टी में सब कुछ ठीक है, किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं बची है लेकिन सपा में गुटबाजी का आलम ये है कि मौका आने पर ये सामने आ ही जाती है। ऐसा ही कुछ नजारा बरेली जिले में आयोजित समाजवादी पार्टी की मासिक बैठक में दिखा जहाँ पर कई बड़े नेताओं ने पार्टी की मासिक बैठक से दूरी बनाये रखी।
नहीं पहुंचे वरिष्ठ नेता :
सपा में गुटबाजी लगातार जारी है जो एक बार फिर से देखने को मिली है। सपा की आयोजित मासिक बैठक में गुटबाजी देखने को मिली। सपा की इस मीटिंग में कोई भी सीनियर लीडर नहीं पहुंचा था। सीनियर लीडर्स का नाम लिए बिना बैठक में इसका मुद्दा भी उठाया गया। बैठक में कहा गया कि जिलाध्यक्ष की कुर्सी को लेकर ऐसा हुआ है। इस बैठक में जहाँ कैराना-नूरपुर में सपा को मिली जीत की खुशी मनाई गई तो वहीँ सपा की गुटबाजी भी साफ़ देखने को मिली।
उपचुनावों में सपा की जीत के बाद जश्न पार्टी कार्यालय में अलग और सीनियर्स नेताओं ने अलग मनाया था। बैठक में एक नेता ने कह दिया कि जो लोग जिलाध्यक्ष पद के लिए ऐसा कर रहे हैं, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। सपा की इस बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल यादव, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, विधायक अताउर्रहमान व अन्य सीनियर नेता नहीं पहुंचे थे।
2019 की बनाई रणनीति :
बरेली के सपा कार्यालय में आयोजित मासिक बैठक में बूथ कमेटी, विधानसभा क्षेत्र कमेटी, फ्रंटल संगठनों की कमेटी को लेकर चर्चा हुई। सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संगठन की शक्ति उसके कार्यकर्ता होते हैं। उन्होंने सभी को बूथ कमेटी सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। मीटिंग में उन्होंने कहा कि जनता भाजपा के झूठ को पहचान गई है। बढ़ते हुए अपराध, भ्रष्टाचार, बलात्कार और अत्याचार से दुखी हो चुकी है। भाजपा की तानाशाही का जवाब जनता ने गोरखपुर, फूलपुर, और कैराना में दे दिया है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की जि़म्मेदारी है कि वो हर बूथ पर 20 सक्रिय यूथ बनाने का काम शुरू करें।