समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाले शिवपाल सिंह यादव पर योगी सरकार की मेहरबानी देखने को मिली है। लखनऊ में शिवपाल यादव को मायावती का खाली किया गया बंगला भाजपा सरकार ने आवंटित किया है। इस पर शिवपाल यादव का कहना है कि ये बंगला उन्होंने सरकार ने काफी पहले माँगा था और ये उन्हें वरिष्ठ विधायक होने के नाते आवंटित किया गया है। शिवपाल यादव भले कितनी दलील दें लेकिन अंदरखाने लोग जानते हैं कि ये भाजपा की शिवपाल पर मेहरबानी है। यही कारण है कि सेक्युलर मोर्चा के नेताओं ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया।
नेताओं ने जताया अपना विरोध :
शिवपाल यादव को योगी आदित्यनाथ का दिया बंगला ज्यादा रास नहीं आने वाला है। अभी से शिवपाल पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लग रहा है। समाजवादी पार्टी छोड़कर जो अल्पसंख्यक नेता शिवपाल के मोर्चे में आये थे, उन्होंने अब अपना फैसला बदलना शुरू कर दिया है। जिस तेजी से इस वर्ग के नेता शिवपाल के साथ जुड़ रहे थे, उस पर रोक लगती दिख रहा है। इसके बाद से सियासी गलियारों में नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
सेक्युलर मोर्चे से जुड़ रहे सपा नेता :
सपा के बागी शिवपाल यादव के इस मोर्चे से लोगों का जुड़ना शुरू हो गया है। पश्चिमी से लेकर पूर्वी यूपी तक सभी पार्टियों के नेता शिवपाल यादव के साथ आ रहे हैं। इसमें ज्यादातर नेता वे हैं जो मुलायम के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के कई नेता भी सेक्युलर मोर्चा के साथ जुड़ने का मन बना रहे थे लेकिन इस घटना के बाद से उनके अल्पसंख्यक लोगों के कदम ठहर गए हैं।
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