2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी एक्शन मोड में आ गयी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सपा के संगठन को मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव ने पार्टी के तमाम नेताओं से मिलना शुरू कर दिया है। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 28 जुलाई को लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है जिसमें बसपा से गठबंधन में सीटों के बंटवारे के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होने वाली है।
अखिलेश ने बुलाई बैठक :
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 28 जुलाई को लखनऊ में होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, बसपा से सीटों के तालमेल पर इस बैठक में मंथन किया जाएगा। इसके अलावा किन सीटों पर पार्टी को चुनाव को लड़ना चाहिए, बैठक में इस पर रिपोर्ट पेश होगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कन्नौज से और मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। इन दोनों जगहों के नेताओं को लखनऊ बुला कर वे मीटिंग भी कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी अगला लोकसभा चुनाव बीएसपी के साथ मिल कर लड़ेगी, ये लगभग तय है। हालाँकि इसमें कांग्रेस शामिल होगी या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। सपा और बसपा अगर मिलकर चुनाव लड़ती हैं तो ये निश्चित तौर पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा :
लखनऊ में समाजवादी पार्टी की 28 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होने जा रही है। इसमें सपा नेतृत्व बसपा के साथ गठबंधन पर रणनीति पर मंथन करेगा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता में होने वाली इस कार्यकारिणी बैठक में लोकसभा के साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर चर्चा होगी। यूपी में लोकसभा के उपचुनाव में बसपा के सहयोग से जीत हासिल करने वाली सपा आम चुनाव में मायावती के साथ हर सूरत में गठबंधन चाहती है। मुख्य तौर पर सपा नेतृत्व यूपी में लोकसभा की अधिकाधिक सीटें अपने पक्ष में रखना चाहता है जिसके मद्देनजर वह गठबंधन से परहेज नहीं कर रहा है।