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अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़े सपा विधायक हरिओम यादव

2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार राज्य के जिलों का दौरा कर संगठन को मजबूती देने में लगे हुए हैं। इसके अलावा बसपा से गठबंधन के बाद सीटों के चयन पर ही सपा में मंथन का दौर शुरू हो चुका है। इस बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी और पार्टी विधायक हरिओम को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया है। इसके बाद उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था जहाँ से बड़ा फैसला न्यायलय ने दिया है। इसके बाद से सपा की तरफ से इस मामले पर अभी तक को प्रतिक्रया नहीं आयी है।

कोर्ट ने विधायक को पुत्र सहित भेजा जेल :

सिरसागंज से सपा विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव को उनके पुत्र पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप उर्फ छोटू सहित 5 को पुलिस ने थाना सिरसागंज में ग्रामीणों को भड़काने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और जातीय उन्माद फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा है। दोनों को एसीजेएम द्वितीय के न्यायालय में पेश किया जहाँ से न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए हैं। सिरसागंज विधायक हरिओम यादव, विजय प्रताप उर्फ छोटू, लेबर कालोनी शिकोहाबाद निवासी गौरव, रामनरेश बाह आगरा को जिला अस्पताल में रात करीब 1 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। सुबह उन सभी को पुलिस लाइन में लाया गया। पुलिस लाइन से एसीजेएम द्वितीय अशोक कुमार यादव के न्यायालय में पेश किया। यहाँ से सपा विधायक एवं उनके बेटे सहित 5 लोगों को जेल भेज दिया।

 

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सपा ने नहीं दिया भाव ;

उत्तर प्रदेश की राजनीति भी समय-समय पर अपना रंग बदलती रहती है। एक समय पहले तक सपा में सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव की तूती बोलती थी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव सपा के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे हैं। आज भी वह सपा के सिरसागंज से विधायक हैं लेकिन समाजवादी पार्टी मेबं उन्हें कोई भाव नहीं दे रहा है। पेगू गढ़ी मामले में वह और उनके पुत्र विजय प्रताप छोटू पूरी रात पुलिस अभिरक्षा में रहे और मंगलवार को दोनों को जेल भेजा लेकिन जिले का एक भी सपा नेता उनके समर्थन में नजर नहीं आया। शिवपाल यादव के बाद ये दूसरे विधायक हैं जिनसे समाजवादी पार्टी ने अपनी दूरी बनाई है। सपा से न अखिलेश यादव और न रामगोपाल यादव ने कोई प्रतिक्रया दी है।

 

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