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राष्ट्रपति चुनाव में अखिलेश यादव गुट ने UPA उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट किया था. लेकिन खुद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल ये रामनाथ कोविंद को वोट किया. शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव (mulayam singh) ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी. लेकिन अब अखिलेश यादव गुट शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.
मुलायम-शिवपाल के खिलाफ हुआ अखिलेश गुट, फैसला जल्द
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- अखिलेश यादव गुट मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के रवैये से नाराज है.
- उनका कहना है कि पार्टी लाइन से हटकर फैसला करने वाले को पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
- अखिलेश गुट में अब आवाजें उठने लगी है कि अखिलेश यादव बड़ा फैसला लें.
- उनका कहना है कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
- अब मुलायम सिंह यादव ने उपराष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया नायडू का समर्थन कर रहे हैं.
- वहीँ समाजवादी पार्टी गोपालकृष्ण गाँधी के पक्ष में है.
- अर्थात फिर से समाजवादी पार्टी दो धड़ों में बंटती दिखाई दे रही है.
अधिवेशन में हो सकता है फैसला:
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- अखिलेश गुट का कहना है कि 2008 में माकपा के तत्कालीन महासचिव प्रकाश करात ने भी यही किया था.
- उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाने पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी तक को निकाल दिया था.
- उन्होंने पार्टी के निर्देश के बावजूद स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं दिया था.
- अखिलेश गुट अपने अध्यक्ष से मुलायम और शिवपाल के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई चाहता है.
- सितम्बर में सपा का अधिवेशन प्रस्तावित है.
- कोविंद को समर्थन देने के मुलायम के रुख से सपा का एक धड़ा खफा है.
- वहीँ सितंबर में सपा के अधिवेशन में इन दोनों दिग्गजों की किस्मत का फैसला हो सकता है.
- अखिलेश गुट का कहना है कि माकपा जब सोमनाथ पर कार्रवाई कर सकती है तो शिवपाल-मुलायम पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
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