समाजवादी पार्टी में सिम्बल को लेकर विवाद ख़त्म हो चुका है. चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है. अखिलेश यादव को साइकिल की चाभी मिल चुकी है. इसी के साथ अखिलेश यादव का पार्टी में वर्चस्व स्थापित हो गया है. इस फैसले के बाद मुलायम सिंह यादव का खेमा बुरी तरह आहत है. मुलायम सिंह यादव के आवास पर पसरा सन्नाटा इसकी कहानी बयां कर रहा है.
लेकिन इसी बीच खबर है कि यादव परिवार की महामीटिंग किसी भी वक्त शुरू हो सकती है. फैसला आने के बाद मुलायम सिंह गुट के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं. इस स्थिति में अखिलेश, मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के बीच मीटिंग शुरू हो सकती है. चुनाव पूर्व शायद ये सुलह की आखिरी कोशिश होगी जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ चुनाव में प्रचार के लिए उतरने पर बात करें.
शिवपाल यादव को हुआ बड़ा नुकसान:
- सुलह की ख़बरों के बीच शिवपाल यादव को पूरे प्रकरण में कुछ खास हासिल नहीं हुआ.
- कैबिनेट मंत्री का दर्जा अखिलेश ने पहले ही वापस ले लिया था.
- 1 जनवरी को अधिवेशन के बाद शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया.
- शिवपाल यादव की बेचैनी इसलिए ज्यादा बढ़ गई है.
- पार्टी में टिकट बंटवारे का अधिकार उनसे छीन चुका है.
- रामगोपाल यादव पूरे प्रकरण के बाद अखिलेश के ज्यादा करीब आये हैं.
- रामगोपाल यादव ने ही आयोग के सामने अखिलेश गुट का दावा पेश किया था.