उत्तर प्रदेश के संभल जिला में पुलिस की घनघोर लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि यहां एक महिला से हुए गैंगरेप के बाद उसे जिन्दा जलाने के मामले में पुलिस ने महिला की पहचान उजागर कर दी है। मीडिया को दिए गए बयान में पुलिस अधीक्षक ने महिला का नाम उजागर कर दिया। इसको लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है।

बलात्कार पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती

बता दें कि पिछले दिनों कठुआ कांड पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि बलात्कार और हत्या का शिकार हुई बच्ची सहित बलात्कार पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती। क्योंकि पीड़ित की भी गरिमा होती है और उनका नाम लेकर उनकी गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ऐसे मामलों में भी जहां बलात्कार पीड़ित जीवित हैं, वह नाबालिग या विक्षिप्त हो तो भी उसकी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहिए क्योंकि उसका भी निजता का अधिकार है और वे पूरी जिंदगी इस तरह के कलंक के साथ जीवित नहीं रह सकते। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 228- ए का मुद्दा उठाये जाने पर कहा था कि, ‘मृतक की गरिमा के बारे में भी सोचिए। इसे (मीडिया रिपोर्टिंग) नाम लिये बगैर भी किया जा सकता है।

दो साल तक की कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान

मृतक की भी गरिमा होती है.’ धारा 228- ए यौन हिंसा के पीड़ितों की पहचान उजागर करने से संबंधित है। पीठ ने कहा था कि ‘ऐसा क्यों होना चाहिए कि महज माता पिता की सहमति से नाबालिग पीड़ित की पहचान उजागर कर दी जाये। ‘पीठ ने कहा था कि, ‘भले ही व्यक्ति विक्षिप्त मनोदशा वाला ही क्यों नहीं हो , उसका भी निजता का अधिकार है। नाबालिग भी आगे चलकर वयस्क होगी। यह कलंक जीवन भर उसके साथ क्यों रहना चाहिए।’ यौन हिंसा से बच्चों का संरक्षण कानून की धारा 23 में यौन हिंसा के शिकार बच्चों से संबंधित मामलों की खबरें देने के बारे में मीडिया के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित है जबकि धारा 228- ए ऐसे अपराध में पीड़ित की पहचान का खुलासा करने के बारे में है। कानून में इस अपराध के लिए दो साल तक की कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

उत्तर प्रदेश के संभल जिला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पांच युवकों द्वारा एक महिला के साथ गैंगरेप कर उसे जिंदा फूंकने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि आरोपियों ने महिला के साथ गैंगरेप करने के बाद एक मंदिर की यज्ञशाला में जिंदा जला दिया। महिला के घर के पास ही मंदिर था जहां इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया। महिला के पति का आरोप है कि पीड़ित ने खुद को जिंदा जलाने से कुछ मिनट पहले पुलिस को 100 नंबर पर कॉल किया था, लेकिन उसके कॉल का कोई जवाब नहीं मिला। इस संबंध में एसपी संभल ने बताया कि घटना के बाद आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर उनकी गिरफ़्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

बहुत जल्द गिरफ्तार किये जायेंगे पांचों आरोपी- एडीजी

अतिरिक्त महानिदेशक (पुलिस) प्रेम प्रकाश ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल से कुछ महत्वपूर्ण सबूत जुटा लिए हैं। हमने महिला की अंतिम फोन कॉल को भी सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उसने अपने चचेरे भाई से बात की है।’ एडीजी ने बताया, ‘इस फोन कॉल के दौरान महिला ने पांचों आरोपियों के नाम भी लिए हैं, जो जबरदस्ती उसके घर में दाखिल हुए थे और उन्होंने उसके बलात्कार किया था। यह सचमुच हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण सबूत है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने दो टीमें बनाकर आरोपियों की धड़पकड़ शुरू कर दी है। जल्द ही पुलिस पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।’

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

राजपुरा थाना के इन्स्पेक्टर अरुण कुमार ने बताया, ‘आईपीसी की धारा 376D (गैंगरेप), 302 (मर्डर), 201 (जुर्म के सबूतों को मिटाना), 147 (दंगों के लिए सजा) और 149 के तहत एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। अभियुक्तों की पहचान आराम सिंह, महावीर, चरण सिंह, गुल्लू और कुमरपाल के रूप में हुई है। पांचो अभियुक्त भी उसी गांव से हैं, जिसमें महिला रहती थी और आरोप है कि वे बीते कुछ महीनों से महिला को परेशान कर रहे थे।’

पुलिस के हाथ लगी आखिरी कॉल रिकार्डिंग

जानकारी के मुताबिक, दिल दहला देने वाली यह वीभत्स घटना को राजपुरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले एक गांव की है। यहां रहने वाली महिला के दो बच्चे हैं और उनके पति गाजियाबाद में मजदूरी का काम करते हैं। पुलिस के मुताबिक यह घटना शनिवार रात करीब 2:30 बजे की है। पुलिस को महिला के आखिरी फोन कॉल की क्लिप मिली है, जिसमें वह अपने चचेरे भाई से बात कर रही है और इस दौरान उसने अपने भाई को बताया कि उसने पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई।

घटना के वक्त घर पर अकेली थी महिला

पुलिस ने बताया कि घटना से पहले शनिवार देर रात महिला अपने घर पर सो रही थी और हमलावर उसके घर में जबरदस्ती घुस गए और उसके साथ यह नृशंस व्यवहार किया। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ गैंगरेप और मर्डर के आरोप में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मृतक महिला के पति ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया, ‘ये सभी पांचों आरोपी शनिवार की रात करीब ढाई बजे उसके घर में जबरदस्ती दाखिल हुए थे। इस वक्त मेरी पत्नी घर में अकेली थी और रात में भारी बरसात हो रही थी। उस वक्त घर में सिर्फ केरोसीन का लैंप जल रहा था। पांचों ने मेरी पत्नी के साथ बलात्कार किया।’

मंदिर की यज्ञशाला में पांचों आरोपियों ने महिला को जिंदा जलाया

महिला के पति ने बताया, ‘इस घटना बाद मेरी पत्नी ने अपनी यह आपबीती अपने चचेरे भाई को सुनाई क्योंकि तब मेरा और महिला के भाई का फोन पहुंच से बाहर था। लेकिन इससे पहले की मेरी पत्नी का चचेरा भाई पुलिस को या परिजनों को इस बाबत सूचित कर पाता कि ये पांचों घर में फिर दाखिल हो गए और इस बार उसे (पत्नी) को घसीटते हुए पास के मंदिर में ले गए। यहां मंदिर की यज्ञशाला में पांचों ने मिलकर उसे जिंदा जला दिया।’

Sambhal: Woman burnt alive gangraped FIR Copy

Sambhal: Woman burnt alive gangraped FIR Copy

ये भी पढ़ें-

काशी की सड़कों पर निकलकर पीएम मोदी ने लिया बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद

यूपी में 50 माइक्रोन तक पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित, जुर्माना और जेल का भी प्रावधान

यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे का एप्प: RPF कंट्रोल रूम में लाइव दिखेगी घटना

स्मार्ट सिटी की कार्यशाला: तीन दिन तक होटलों में कमरा मिलना मुश्किल

सिल्वर लाइन अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल से गिरकर BBD के मेडिकल छात्र की मौत

संभल: महिला से गैंगरेप के बाद मंदिर की यज्ञशाला में जिंदा जलाया

यूपी में फर्जी सरकारी नौकरी निकाल सैकड़ों बेरोजगारों को ठग रहे जालसाज

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: सुनील राठी के साथ तीन अन्य शूटरों ने भी मारी थी गोली

मुजफ्फरनगर: युवक ने की अपनी पत्नी के प्रेमी की पीट-पीटकर हत्या

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें