उत्तर प्रदेश के बलिया जिला में रहने वाली पॉलीटेक्निक की छात्रा संस्कृति हत्याकांड मामले में जांच में जुटी पुलिस टीमें अब तक लगभग 13 दिनों में करीब 300 से अधिक संदिग्धों में टेंपो चालकों, हिस्ट्रीशीटरों, पुराने बदमाशों के अतिरिक्त संस्कृति के कॉलेज के छात्र-छात्रओं से पुलिस टीमों ने पूछताछ की। जबकि पुलिस ने 20 हजार से अधिक मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए बावजूद इसके अभी तक कातिल का सुराग नहीं लग सका है।
हालांकि एसएसपी दीपक कुमार ने जल्द खुलासे का दावा किया था। घटनास्थल के आसपास मिले सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को सुराग मिले हैं, लेकिन ये सुराग कातिल को पकड़ने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इस हत्याकांड में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस के साथ एलआईयू भी सक्रिय है। एसटीएफ लखनऊ से लेकर बलिया तक खाक छान रही है लेकिन नतीजा अभी भी शून्य है।
अब लखनऊ पुलिस इस सनसनीखेज हत्याकांड में तीन संदिग्धों का पुलिस नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग कराने जा रही है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक तीनों संदिग्धों का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग कराने के लिए न्यायालय में आवेदन कर दिया गया है। तीनों ने अपनी सहमति भी दे दी है, गुरुवार को सीजेएम से स्वीकृति मिल जाएगी, इसके बाद तीनों संदिग्धों का नाकरे टेस्ट और ब्रेन मैपिंग कराया जाएगा।
इन तीन संदिग्धों का कराया जायेगा नार्को टेस्ट
एसएसपी के मुताबिक, संस्कृति के पॉलीटेक्निक में साथी छात्र इंदिरानगर निवासी आदर्श पटेल, बलिया में सीनियर छात्र रहे आदित्य चौहान व पॉलीटेक्निक के तृतीय वर्ष के छात्र हेमंत सिंह का नार्को टेस्ट कराया जाएगा। हेमंत ने घटना से पहले संस्कृति को करीब 70 एमएमएस किए थे, इसलिए पुलिस को उस पर शक है। आदर्श ने घटना से पहले संस्कृति से फोन पर बात की थी और वह अक्सर उससे बातचीत के साथ चैटिंग भी करता रहता था। आदित्य चौहान की भी संस्कृति से बातचीत होती थी। एसएसपी ने बताया कि घटना के बाद आदित्य का मोबाइल फोन दो दिन तक बंद रहा। घटना की रात उसके मोबाइल फोन की लोकेशन आदिलनगर में मिली थी। इसलिए तीनों का संदेह के आधार पर पुलिस नार्को टेस्ट कराकर सच्चाई का पता लगाने जा रही है। एसएसपी ने दावा किया कि नार्को टेस्ट के बाद बहुत जल्द वारदात का राजफाश कर दिया जाएगा।
वकील उमेश कुमार राय छोटी बेटी थी संस्कृति राय
गौरतलब है कि बलिया जिला के फेफना इलाके के भगवानपुर गांव के रहने वाले वकील उमेश कुमार राय छोटी बेटी संस्कृति राय (17) लखनऊ में पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेकेंड ईयर में पढ़ती थी। फर्स्ट ईयर में वो हॉस्टल में रही थी, लेकिन सेकेंड ईयर में उसे हॉस्टल नहीं मिला तो वह इंदिरानगर सेक्टर-19 में राजेंद्र अरोड़ा के मकान में किराए पर रहने लगी। 5 जून को संस्कृति भावनगर अपने घर गई थी।7 जून को उसका प्रैक्टिकल होना था, लेकिन वो 6 जून को ही लखनऊ पहुंच गई थी। परीक्षाएं खत्म होने के बाद संस्कृति 21 जून रात अपने घर जाने वाली थी।
मां नीलम को फोन कर दी थी घर आने की जानकारी
उसने अपनी मां नीलम को फोन करके कहा था कि वो घर आ रही है। इसके लिए उसे बादशाहनगर से ट्रेन पकड़नी थी। उसके साथ उसकी चंदौली की रहने वाली दोस्त पुष्पांजलि को भी जाना था। लेकिन संस्कृति स्टेशन पर नहीं पहुंची। पुष्पांजलि ने संस्कृति को फोन किया तो उसका फोन बंद था। इसके बाद पुष्पांजलि ने एक और सहेली को फोन कर बताया कि संस्कृति स्टेशन पर भी नहीं आई है और उसका फोन भी बंद है। उस सहेली ने संस्कृति के पिता उमेश कुमार को रात के 9:52 बजे फोन किया। परेशान पिता ने लखनऊ में रहने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया और पूरी बात बताई। इसके बाद रात में ही वो रिश्तेदार गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर सुजीत राय के पास पहुंचा।गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर ने संस्कृति के पिता उमेश से बात की और अनहोनी की आशंका जताई।
घैला पुल के पास झाड़ियों में मिला था संस्कृति का शव
अगले दिन 22 जून की दोपहर करीब 12:00 बजे घैला गांव की रहने वाली एक महिला प्रेमा ने झाड़ियों में एक लड़की को गंभीर हालत में देखा। उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे ट्रॉमा सेंटर लेकर गई। ट्रॉमा सेंटर में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़की के पास मोबाइल, पर्स या कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे पुलिस उसकी पहचान कर पाती। इसके बाद पुलिस ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। गाजीपुर के इंस्पेक्टर सुजीत राय ने उस लड़की की शिनाख्त बलिया के फेफना के रहने वाले संस्कृति राय के तौर पर की। प्राथमिक जांच में इंस्पेक्टर मडियांव ने बताया कि लूट के इरादे से संस्कृति राय की हत्या की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आस-पास खून के छीटें पड़े थे और ऐसा लग रहा था कि संस्कृति ने खुद के बचाव के लिए खूब संघर्ष किया।