संतकबीर नगर: सीओ कार्यालय के निलंबित सिपाही ओमप्रकाश सिंह का प्रकरण ना संभाल पाना एसपी विक्रमादित्य सचान को बहुत महेगा पड़ा है। बता दें की सिपाही ओमप्रकाश सिंह और एसपी विक्रमादित्य सचान के बीच महराजगंज से ही ये तनातनी चल रही थी जिसे अब शासन ने गंभीरता से लिया।
ये है पूरा मामला
- सिपाही ओमप्रकाश सिंह और एसपी विक्रमादित्य सचान का मामला महराजगंज से शरू हुआ था।
- दरअसल देवरिया के लार थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम रावतपार अमेठिया के रहने वाले सिपाही ओमप्रकाश सिंह की कुछ साल पहले महराजगंज में तैनाती थी।
- जहाँ गांव की जमीन को लेकर सिपाही ओमप्रकाश सिंह का पट्टीदार नागेंद्र सिंह से विवाद हो गया था।
- नागेंद्र की एक रिश्तेदार उस समय प्रदेश सरकार में मंत्री थीं।
- जिसके इशारे पर महराजगंज पुलिस ने सिपाही ओमप्रकाश सिंह और उसके बेटे नवीन सिंह को जेल भेजा था।
- उस समय विक्रमादित्य सचान महाराज गंज में एएसपी थे।
- इस प्रकरण के बाद सिपाही का प्रमोशन और वेतनवृद्धि भी रोक लगा दी गई थी।
- बाद में सिपाही ओमप्रकाश सिंह का स्थानांतरण संतकबीरनगर हो गया था।
- लेकिन यहाँ भी 13 दिसंबर को एसपी विक्रमादित्य सचान ने अनुशासनहीनता के आरोप में इस सिपाही को सस्पेंड कर दिया था।
- गौरतलब है की जमीन के लिए सिपाही अफसरों से लगातार मिल रहा था और सीबीआइ जांच की भी मांग कर रहा था।
- लेकिन अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किये जाने के बाद सिपाही ओमप्रकाश सिंह एसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
- कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे इस सिपाही ने शनिवार सुबह तक न्याय न मिलने पर इस्तीफा की चेतावनी दी थी।
- बता दें की इस सम्बन्ध में सिपाही ने इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम (आइजीआरएस) पर एसपी की शिकायत की थी।
- यही नही सिपाही ओमप्रकाश सिंह ने इस मामले पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फ़रियाद की थी
- सिपाही इस बात पर अड़ा था की इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- उसने यहाँ तक कहा था की अगर वह दोषी मिले तो उसे व उसके परिवार के सदस्यों को फांसी की सजा दे दी जाए।
- गौरतलब है की इस मामले पर एसपी विक्रमादित्य का कहना है कि उन्हें स्थानांतरण की सूचना मिली है
- लेकिन ये स्थानांतरण किस कारणवश किया गया इस बात की जानकारी उन्हें नही है।