लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन द्वारा विभिन्न इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों में “लोकतंत्र की पाठशाला” लगानें के अभियान के तहत आज संत रविदास के जयंती पर लखनऊ के आशियाना स्थित महाराजा बिजली पासी सरकारी पोस्ट ग्रेजुएट महाविद्यालय में लोकतंत्र की पाठशाला का आयोजन किया गया। महाराजा बिजली पासी सरकारी पोस्ट ग्रेजुएट महाविद्यालय में आयोजित लोकतंत्र की पाठशाला को समाजसेवी एम् एल गुप्ता, शिक्षाविद एम् पी यादव, मनोज कुमार एवं युवा छात्र चिन्तक अमन पाण्डेय नें अपने अनुभव बाटे जिसका कुशल संचालन विशाल श्रीवास्तव नें किया।
पाठशाला में लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा नें छात्रों को बताया कि आज लोकतान्त्रिक परंपरा के बड़े पैरोकार संत रविदास के जयंती पर ये जानना जरुरी है कि लोकतंत्र का मूल है अवसर की समता और जवाबदेही, संत रविदास ने हमेशा समानता की पैरोकारी करते हुए समाज सुधारक के रूप में जाने जाते हैं। इतिहास में कम ही लोग हैं जो संत के साथ साथ समाज सुधारक के रूप में जानें जाते हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह है असमानता और अन्याय के विरुद्ध लोगों को जागृत करना।
प्रताप चंद्रा नें कहा कि भारत की आज़ादी के बाद तय हुआ था कि जनता का जनता के लिये और जनता द्वारा चलाया जानें वाला लोकतंत्र होगा। परन्तु कालांतर की चुनावी प्रक्रिया नें इसे बदल कर न सिर्फ पुनः ईस्ट इण्डिया कंपनी की तरह निकाय, संगठनों नें देश की सत्ता चलानी शुरू की अपितु मिले लोकतंत्र को अगवा कर अपने सोच, विचार और फैसले को जनता पे थोपना शुरू कर दिया। जिसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है।
परन्तु जिसे जनता नें ये कह कर हरा दिया कि आप सदन में नहीं जानें लायक है, फिर जनता से ऊपर कौन और कैसे हो गया जो निचली सदन में हारनें वाले को उच्च सदन राज्यसभा में बैठा देता है, फिर जनता मालिक कहाँ रही। इसीलिए लोकतंत्र को आज़ाद कराने की जरुरत है। जिससे सरकारें जनता के प्रति जवाबदेह हो सकें। लोकतंत्र का अर्थ जनता के प्रति जवाबदेही और निष्पक्ष चुनाव है। संविधान के मुताबिक सभी को जीने, अवसर की समता, शिक्षा और रोजगार की गारंटी है जो आज नहीं है परन्तु मिलना ही चाहिये।
चार विषयों के लिए चलाई जा रही लोकतंत्र की पाठशाला में बताया गया कि पहला शिक्षा लोन ब्याज मुक्त हो क्यूंकि देश में कार लोन, हाउस लोन से भी महंगा शिक्षा लोन है। जबकि शिक्षा लोन छात्र के पढ़ाई के दौरान ब्याज मुक्त होना चाहिये। जिससे छात्र ब्याज के बोझ को न सोचकर अपनी पढ़ाई कर सके। दूसरा छात्रों को मनरेगा की तरह रोजगार गारंटी हो क्यूंकि छात्र देश का भविष्य है जिसे निराशा व् अवसाद से बचाना होगा।
जैसे मनरेगा में मजदूरी की गारंटी है, छात्रों को वर्ष के 90 दिन की रोजगार की गारंटी हो। जिससे 36 हज़ार रुपये मिल सके ताकि अपने निजी खर्चों के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े और शेष 275 दिन अपनी पढ़ाई या परीक्षा की तैयारी कर सके तभी सशक्त भारत की कल्पना साकार होगी। तीसरा NOTA को राईट-टू-रिजेक्ट माना जाये। क्योंकि NOTA बटन को राईट-टू-रिजेक्ट बनानें से अच्छे उम्मीदवार चुनाव में आयेंगे।
अगर जनता किसी उम्मीदवार को अपनें प्रतिनिधि के लायक नहीं समझती है तो उसे रिजेक्ट कर सकेगी। इस डर से पार्टियाँ भी अच्छे प्रत्याशी खड़ा करेंगी। चुना हुआ प्रतिनिधि जनहित में काम करने को बाध्य होगा। चौथा प्रत्याशी की फोटो ही चुनाव-चिन्ह हो क्योंकि EVM पर अब प्रत्याशी की फोटो लगने लगी है। अब वोटर अपने प्रत्याशी को फोटो से पहचान कर वोट दे लेंगे। इससे न सिर्फ प्रतिनिधि जनता के बीच रहनें को बाध्य होगा, बल्कि सबसे महंगी बिकाऊ चीज चुनाव चिन्ह की नीलामी बंद हो जाएगी। जिससे राजनीतिक भ्रष्टाचार ख़त्म होगा और लोकतंत्र प्रभावी हो जायेगा।
लागू कराने हेतु करने होंगे ये दो काम
1-मिस्ड काल करें 8448493733 पर और LoktantraKiPathshala फेसबुक पेज लाईक करें।
२- कहीं भी रहकर प्रत्येक रविवार को शाम 7 बजे केवल 1 मिनट अपने मोबाईल के टार्च से आसमान की तरफ रौशनी करें और ऐसा करनें की फोटो फेसबुक पेज और व्हाट्स अप नं 9935160465 पर भेजें।