प्राइमरी स्कूलों में नया सत्र शुरू हुए तीन महीने से अधिक हो गया है लेकिन बच्चों को किताबें अभी तक नहीं मिली हैं. जबकि 15 अक्टूबर से अर्धवार्षिक परीक्षा भी होनी है.
करोड़ों किताबों की छपाई लटकी –
- यूपी में गरीब बच्चो को पढ़ाने का दावे करने वाला सर्व शिक्षा अभियान अन्धकार में नज़र आ रहा है.
- एक पड़ताल में यह पाया गया की अब तक किताबों की छपाई पूरी नहीं हो पायी है.
- किसी ख़ास को फायदा पहुँचाने के वजह से किताबों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
- गरीब बच्चो के भविष्य को दांव पर लगाकर करोडो का घोटाला करने की तैयारी के चलते ऐसा हुआ है.
किताबों की छपाई और वितरण का काम अधूरा-
- साल कक्षा 1 से 8 तक के लिए 13 करोड़, 21 लाख, 86 हज़ार, पांच सौ किताबों की छपाई होनी थी.
- इसके लिए 17 अप्रैल 2016 को टेंडर भी आमंत्रित कर लिए गए थे.
- लेकिन अभी तक किताबों की छपाई और उनके वितरण का काम पूरा नहीं हो सका है.
- अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी होने वाली हैं, इसलिए कुछ स्कूलों में पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करवाई जा रही है.
पब्लिशर ने किया खुलासा-
- एक पब्लिशर ने बताया कि कमीशन के खेल के चलते इन किताबों को छापने में देरी हो रही है.
- टेंडर की शर्तो के हिसाब से वाटरमार्क पेपर पर किताबो की छपाई होनी है.
- परंतु वही पेपर अभी तक पब्लिशर को नहीं मिल पाया है.
- इसके चलते किताबों की छपाई का काम रुका पड़ा है.
यह भी पढ़ें: आखिरकार भाजपा को यूपी में मिल गया मुख्यमंत्री पद का दावेदार
यह भी पढ़ें: सीएम अखिलेश यादव ने आगे बढ़कर पूर्व हॉकी खिलाड़ी इमरान को दी मदद!