सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली किए जाने के आदेश दिए जाने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं को दौरा शुरू हो गया। तो वहीं कई पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा अपने आवास को बचाने के प्रयास के जुगत में जुट गए। वहीं मायावती ने अपने सरकारी आवास को बचाने के लिए मान्यवर कांशीराम विश्राम स्थल का बोर्ड लगवा दिया गया। जिसके बाद राजनीतिक पारा एक बार फिर चढ़ने लगा। इस मामले पर बीएसपी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने प्रेस वार्ता की। जिसमें कहा कि 13 A माल एवेन्यू , बंगला कांशीरामजी यादगार स्थल के रूप में बना है और यह एक कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था।
सतीश मिश्र ने की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात
बीएसपी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें बंगले के आदेश से संबंधित कागजात सौंपे हैं। पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा है कि हमने सही तथ्यों से सीएम को अवगत कराया है और हमने सीएम को आदेशों की कॉपी दे दी है। बताया कि 2011 में कहा गया था यादगार स्थल के रूप में होगा। यदि किसी भी परिस्थिति में बंगले को खाली कराया जाता है तो वह बंगला कांशीराम विश्राम स्थल के रूप में ही रहेगा। कहा कि बंगले के एक छोटे स्थल में मायावती रहेंगी।
बता दें कि साल 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने का निर्देश जारी किया था, लेकिन अखिलेश सरकार ने तब पुराने कानून में संशोधन कर UC मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट एंड फैसिलिटी अमेंडमेंट एक्ट 2016 विधानसभा से पास करा लिया था। सभी मुख्यमंत्री और सभी पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन सरकारी बंगलों की सुविधा दिलवाई थी, लेकिन करीब 2 साल बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए बंगला खाली करने को कहा।