उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद कोर्ट को देश की सर्वोच्च अदालत ने डीएनडी टोल प्लाजा को खत्म करने की मांग वाली याचिका को 3 महीने में निपटाने के निर्देश जारी किये हैं।
पूरा मामला:
- फेडरेशन ऑफ़ नोएडा रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने डीएनडी टोल प्लाजा को खत्म करने की मांग की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।
- याचिका में टोल को खत्म करने की मांग की गयी थी, साथ ही यह कहा गया था की इलाहाबाद हाईकोर्ट में 69 बार सुनवाई के लिए मामला लगा, 3 बार टोल प्लाजा पर टोल उगाही रोकने के लिए भी अर्जी दी गयी लेकिन हाई कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है।
- जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को निर्देश जारी करते हुए मामले को 3 महीने में निपटाने की बात कही है।
- याची के मुताबिक, टोल वसूलने वाली कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी ने नोएडा अथॉरिटी अथॉरिटी के साथ 1997 में करार किया था।
- इस प्रोजेक्ट की लागत 407 करोड़ बताई गयी है, जबकि ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को 581 करोड़ का फायदा हो चुका है।
- नोएडा अथॉरिटी ने कंपनी को 68 एकड़ जमीन अधिग्रहण करके दिया था। किसानों को सारा पैसा अथॉरिटी देगी। साथ ही इस जमीन पर कंपनी को महज 1 साल का 1 रुपये एकड़ के हिसाब से लीज रेंट अथॉरिटी को देना पड़ेगा, जो 30 साल बाद 50 रुपये प्रति एकड़ हो जायेगा।
- टोल रोड के आस पास अथॉरिटी कोई ब्रिज नहीं बना सकती।
- इतना ही नहीं 30 साल के रियायती समझौते को बढ़ाकर 100 साल का कर दिया गया है।
- याचिका में कहा गया है कि, खुद प्लानिंग कमीशन ने ये कहा है कि यह करार एक पब्लिक लूट है।
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