एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद सोमवार को कई जगहों पर हिंसक हो गया। खबरों के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुरैना में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई। राजस्थान के बाड़मेर और मध्य प्रदेश के भिंड में दो गुटों में हुई झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए। बाड़मेर में कई वाहनों में आग लगाई गई है। पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी बंद का व्यापक असर है। पंजाब में बंद के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं टाल दी गई हैं। उधर, केंद्र सरकार आज इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर कर दी है।
बता दें कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एसएसी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने देशभर में आज भारत बंद का एलान किया है। सोमवार को बुलाए गए भारत बंद को बिहार में राजद, सपा, कांग्रेस और शरद यादव का समर्थन मिला है। दलित संगठनों ने भी अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।
यूपी में हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ आगजनी
SC-ST को लेकर दलितों का विरोध प्रदर्शन यूपी के कई जिलों में हिंसक रूप से देखने को मिला। यूपी के मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़ और आगरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। आगरा में दलित संगठनों का उग्र प्रदर्शन जारी है, प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह जमकर तोड़फोड़ और पथराव किया।
आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रोकी कई ट्रेनें, पुलिस पत्रकारों पर हमला
खबरों के अनुसार, आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से दिल्ली-झांसी रेलवे मार्ग पर कई ट्रेन प्रभावित हुई। मेरठ में भी दलितों ने प्रदर्शन के दौरान बसों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बवाल करते हुए पुलिस और पत्रकारों पर भी हमला कर दिया। हमले की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है कर दिया गया है।
प्रदर्शन में दुकानों में लूटपाट, महिलाओं से छेड़छाड़
भारतबंद की आड़ में प्रदर्शन के बीच कुछ उत्पाती भी घुस गए जो खुद को बसपा का कार्यकर्ता बता रहे थे। मेरठ शहर के सभी बाजारों में भीड़ जबरन बाजार बंद करा रही थी। इन लोगों ने विरोध में लाठी-डंडे के साथ सड़क पर उतरे और दुकानों में काफी लूटपाट करने के साथ ही महिलाओं से भी छेड़छाड़ की। महिलाओं ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कारियों ने उनके साथ छेड़छाड़ कर नाजुक अंगों को छुआ।
एंबुलेंस में फंसे मरीजों के साथ अभद्रता
प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस में फंसे मरीजों के साथ अभद्रता की। शाहगंज क्षेत्र के बारह खंभा के पास लोग रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। इसके साथ ही यहां एत्माद्दौला के टेढ़ी बगिया में चक्का जाम किया गया है। करीब एक घण्टे से जाम के चलते रामबाग तक बड़ी संख्या में वाहनों की कतार लग गई है। जगह-जगह पर इसको लेकर प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी है।
दिल्ली में पुलिस बल पर पथराव, राजमार्ग भी हुए बंद
एसटी-एसी एक्ट 1989 में संशोधन के खिलाफ दिल्ली एनसीआर में भारत बंद ने हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें हुई। इससे निपटने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों ने एनएच 24 और दिल्ली-देहरादून हाइवे समेत कई प्रमुख मार्गों पर जाम लगा दिया। इससे कई राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई।
गाजियाबाद में रेलवे संचालन प्रभावित
गाजियाबाद में रेलवे फटकी पर जाम के कारण ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। दलित संगठन से जुडे लोग जगह जगह इक्ठ्ठे होना शुरू भी गए हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा आगरा व मैनपुरी में दलित संगठन से जुड़े लोग सड़क पर उतर आए हैं। कई जगह पर प्रदर्शनकारी ट्रेन के सामने खड़े हो गए हैं। एससी-एसटी एक्ट पर फैसले का आगरा में भी कई संगठनों ने काफी विरोध किया है।
उड़ीसा और बिहार में भी हिंसक प्रदर्शन
सोमवार तड़के उड़ीसा के संभलपुर में रेल पटरियों पर जमा हो गए और ट्रेनों की आवाजाही रोक दी। बिहार में यह बंद असरदार दिख रहा। बिहार में पंजाब जाने वाली ट्रेन को रोक दिया गया है। बंद के कारण जगह-जगह रेल व सड़क यातायात प्रभावित हैं। बंद समर्थकों ने पटना व हाजीपुर के बीच उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफलाइन ‘महात्मा गांधी सेतु’ को जाम कर दिया है। इस बंद को राजद, सपा, कांग्रेस और शरद यादव का समर्थन मिला है। बंद के दौरान वैशाली में एक कोचिंग संस्थान को बंद कराने के दौरान छात्रों से बंद समर्थकों की भिड़त हो गई। इसमें दर्जनों छात्र घायल बताए जा रहे हैं। बंद समर्थक पटना सहित राज्य के विभिन्न जगहों पर एंबुलेंस सहित आवश्यक सेवाओं की गाडि़यों को भी रोक रहे हैं।
राजस्थान में हिंसक झड़प में दो दर्जन से अधिक घायल
राजस्थान में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। बाड़मेर में दलित और पुलिस में झड़प हो गई है। इस झड़प में 25 लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे। दूसरी तरफ करणी सेना भी दलितों के प्रदर्शन के विरोध में सड़कों पर उतर आई है। जिसकी वजह से दोनों गुटों के बीच भिड़ंत हो गई। सड़क पर दोनों गुट भिड़ गए। बाड़मेर में वाहनों को आग लगा दी गई।
सरकारी व प्राइवेट बस सेवा के साथ इंटरनेट सेवाएं बंद
एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद दलित संगठनों के दो अप्रैल को भारत बंद के मद्देनजर पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों की सरकारों ने चौकसी कड़ी कर दी है। पंजाब मे सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय व बैंक सोमवार को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकारी व प्राइवेट बस सेवा के साथ ही रात 11 बजे तक मोबाइल व डोंगल इंटरनेट सेवाएं तथा एसएमएस सेवाएं भी बंद करने के आदेश हैं।
पंजाब में भी दलितों के बंद का असर
एससी-एसटी एक्ट संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान का पंजाब के अधिकांश इलाकों में मिलाजुला असर दिख रहा है। जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, बरनाला, पटियाला सहित अन्य जिलों में दलित संगठनों के लोग सक्रिय हैं। संगठनों के कार्यकर्ता तड़के से ही सड़कों पर उतर आए। अमृतसर में वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने सचखंड एक्सप्रेस रोक दी, जिससे यात्री परेशान रहे। किसी भी आशंका से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के क़ड़े इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने कल ही प्रदेश में सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालयों को सोमवार को बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के 12 हजार अतिरिक्त जवानों को फील्ड में उतारा गया है।
मध्य प्रदेश में रेलव ट्रैक जाम, झारखंड में लाठीचार्ज
रांची में बंद समर्थक सड़क पर उतर चुके हैं। दुकानों को बंद करवाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच, रांची के आदिवासी हॉस्टल के बंद समर्थकों ने जमकर उपद्रव किया। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया। इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर लाठी चार्ज किया। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति संरक्षण अधिनियम के विरोध में मोरेना में विरोध प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने कई जगह वाहनों में आग भी लगा दी है।
ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में एससी/एसटी एक्ट 1989 में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला किया था। कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच हो। कोर्ट ने कहा था कि केस दर्ज करने से पहले डीएसपी स्तर का अधिकारी पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करेगा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि कुछ मामलों में आरोपी को अग्रिम ज़मानत भी मिल सकती है।