राम जन्मभूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी. अब अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मुकदमें की सुनवाई रोजाना सुप्रीम कोर्ट में होगी. इसके लिए हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने तैयारी पूरी कर ली है.
सियासत होगी तेज
30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ विशेष पूर्णपीठ के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में यह मुकदमा लम्बित है. उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को 3 भागों में बांटकर रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को बराबर दिए जाने का आदेश दिया था. यूपी शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने गत अगस्त में उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर विवादित भूमि पर राममंदिर निर्माण कराने और लखनऊ के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद-ए-अमन की तामीर कराई जाए. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि प्रतिदिन सुनवाई के लिये उनकी तैयारी पूरी है.
5 दिसम्बर को हुई थी सुनवाई
मुस्लिमों की ओर से कपिल सिम्बल, डा. राजीव धवन, राजू रामचन्द्रन, शकील अहमद और सईद जैसे नामी गिरामी वकील न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे. निर्मोही अखाड़ा की ओर से एस़ क़े जैन, रंजीत लाल वर्मा, हिन्दू महासभा की ओर से हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन और रामलला विराजमान की ओर से पराशरण न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे. रामलला विराजमान पक्ष के वकील मदन मोहन पांडेय को यूपी सरकार ने सरकारी वकील नियुक्त कर दिया है. गत 5 दिसम्बर से उच्चतम न्यायालय में इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई शुरु होनी थी. 5 दिसम्बर को न्यायालय ने इस पर सुनवाई करने के बाद कहा था कि अब प्रतिदिन सुनवाई 8 फरवरी से होगी. मुस्लिम पक्ष की 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने की दलीलों को न्यायालय ने खारिज कर दिया था.
दोपहर दो बजे से शुरू होगी सुनवाई
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अन्य की इस दलील को खारिज किया था कि याचिकाओं पर अगले आम चुनावों के बाद सुनवाई हो. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच इस मामले पर दोपहर 2 बजे से सुनवाई शुरू करेगी. मामले की सुनवाई से पहले बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा हैै कि अब सुलह की कोई संभावना नहीं है.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामला देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, दिसम्बर 2017 में सुनवाई के दौरान दस्तावेजों का अनुवाद न हो पाने और मामले से जुड़े पीछे फैसलों की कापियां सुप्रीम कोर्ट में पूरी तरह मौजूद न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी जो कि अब 8 फ़रवरी को जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच करेगी. इसके पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट में गरमागर्म बहस हुई थी और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ये दलील देते हुए केस की सुनवाई को 2019 आम चुनावों के बाद जारी करने की अपील की थी और कहा था कि इससे राजनीतिक दल फायदा उठाने की कोशिश करेंगे.
आज से होगी रोजाना सुनवाई
देश की सर्वोच्च अदालत में राम जन्म भूमि, राम मंदिर, और बाबरी के विवादित ढाँचे का मामला विचाराधीन है. इस मामले की सुनवाई 8 फ़रवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई से पहले विवादित ढाँचे के सभी दस्तावेजों का अनुवाद पूरा करने का आदेश जारी किया था. इस केस की सुनवाई के लिए दस्तावेजों का अनुवाद और उनकी प्रतियाँ कोर्ट में पहुँचाना बड़ी अड़चन मानी जा रही थी.
कोर्ट के बाहर सुलह की कोशिशें हुई नाकाम
अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए श्री श्री रविशंकर सुलह की कोशिशें कर रहे थे. इसी को लेकर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य हिन्दू संगठन के नेताओं से लखनऊ में मुलाकात की थी. वहीँ श्री श्री रविशंकर अयोध्या में मुस्लिम पक्षकारों से मिलकर बात की थी लेकिन इस मुद्दे को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है. श्री श्री ने स्पष्ट किया था अभी इस मामले में कोई प्रपोजल नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा था कि दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद को सुलझाने की कोशिशें की जा रही है. सीएम योगी ने श्री श्री रविशंकर से मुलाकात को लेकर बयान दिया है.