राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में हुयी मौतों के कारण मंत्री तक को जेल जाना पड़ा था। सूबे में पिछली सरकार में हुआ एनआरएचएम घोटाला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था। मंत्री व आईएएस अफसर जेल गए, कई मौते हुईं। लेकिन इसके बाद भी महकमें में कोई सुधार नहीं हो रहा है। एनआरएचएम का नाम बदलकर एनएचएम कर दिया गया, मगर हालात नहीं बदलें।
- अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में बड़ा वाहन घोटाला सामने आया है।
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गाड़ियों के किराए के भुगतान में बड़ा खेल हुआ है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट में प्रदेश के 52 जिलों में फर्जी गाड़ियां दिखाकर करोड़ों रूपये के भुगतान की बात कही गयी है।
- कई जिलों में एनएचएम के पैसों से फर्जी गाड़ियां दौड़ाई जा रहीं है।
- एक ही नंबर की गाड़ी का कई जिलों में इस्तेमाल हुआ है।
- फर्जी बिल बनाकर लगातार भुगतान भी हो रहें थे, आडिट के बाद पूरे घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
- मामला उजागर होने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर 10 दिन में जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है।
- उन्होंने दोषी कर्मचारी, अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को भी कहा है।
बाइक के नंबर पर दौड़ी कारः
- परिवहन विभाग की साइट से गाड़ीयों के नंबर चेक कराये गए तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आयें।
- गड़बड़ी का आलम यह है कि एक ही नंबर के वाहन कई जिलों में दिखाए गए हैं।
- चंदौली में यूपी 65 सीटी 0453 नंबर का वाहन दो ब्लाक नौगढ़ और चकिया में दर्ज था।
- सहारनपुर में यूपी 11 टी 5857 नंबर रामपुर मनिहारन और सुनहटी ब्लाक में दर्ज है।
- वहीं, यूपी 17 टी 1465 नंबर की गाड़ी दो अलग-अलग जिलों अलीगढ़ और कन्नौज में है।
- भदोही में यूपी 70 एबी 9704 नंबर की मोटरसाइकिल को कार बता कर भुगतान किया गया।
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बच्चों की सेहत से हुआ खिलवाड़ः
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाती है।
- इस टीम को स्कूलों में जाकर बच्चों की जांच करनी होती है और जरूरत होने पर बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजना होता है।
- इसके लिए शासन की गाइडलाइन है कि सिर्फ बंद गाड़ी का इस्तेमाल होगा ताकि टीम आसानी से जा सके।
- लेकन सूबे के कई जिलों में बंद चार पहिया वाहनों की जगह छोटे वाहनों जैसे ऑटो, स्कूटर, मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया।