फीकी पड़ने लगी एलईडी बल्बों की लाइट

  • कानपुर महानगर में करीब 94000 बिजली के खम्भे हैं।
  • इनमें मार्ग प्रकाश के लिए सोडियम, ट्यूब लाइट व सीएफएल लगे हैं।
  • इन बल्बों पर हर महीने करीब 5 करोड़ रूपये का बिल आता है।
  • बिजली की खपत कम करने के लिए पूरे शहर में एलईडी बल्ब लगाने की योजना चल रही है।
  • शुरूआती तौर पर जीटी रोड, गोल चौराहे से झकरकटी तक करीब 3 करोड़ रुपये से एलईडी लगाए गए हैं।
  • इसके लिए ओरेज़ोना कंपनी को काम दिया गया था।
  • लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश अग्रवाल, स्थानीय नागरिक अभिषेक गुप्ता, अमित त्रिवेदी का आरोप है कि अफसरों व कंपनी की मिलीभगत से कम कीमत के बल्बों की आपूर्ति की गई।
  • इसी के चलते ये बल्ब अब फीके पड़ने लगे हैं।
  • सवाल ये है कि नगर निगम के अफसर इस मामले में गंभीर क्यों नहीं हैं, इससे लोगों में नाराजगी है।

फर्म का नाम तक बताने से बचते रहे अफसर

  • नगर निगम कानपुर में नगर निगम प्रशासन से एलईडी बल्बों की खरीद के बारे जानकारी ली गयी तो वह एलईडी लगाने वाली फर्म का नाम तक बताने से बचते दिखे।
  • उनका कहना है कि एलईडी बल्ब सही हैं।
  • निगम के अधिकारी अब कह रहे हैं कि आगे जो भी एलईडी लगेंगी वह भारत सरकार की संस्था ईएसएल करेगी, इसकी प्रक्रिया चल रही है।
  • लेकिन सवाल यह उठता है कि जो 3 करोड़ की ऐरोजना या अन्य कंपनियों पर जनता की पैसा लुटा दिया गया और यह घोटाला जो सामने आया इस पर पर्दा क्यों डाला जा रहा है और कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।
  • अब इसको लेकर आम जनता भी नगर निगम प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रही है।
  • नगर आयुक्त अविनाश सिंह से जब इस पूरे मामले पर बात की गयी तो उन्होंने गोलमोल ज़वाब देते हुये तकनीकी टीम से जाँच कराने की बात कही।
  • दो अरब रुपये के लगेंगे एलईडी बल्ब
  • पूरे कानपुर में करीब दो अरब रुपये से एलईडी बल्ब लगेंगे।
  • यह बड़ा प्रोजेक्ट है लेकिन जिस तरह से गड़बड़ी सामने आ रही है इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ज़ीरो टोरलेंस की नीती पर अफसर पानी फेर रहे हैं।
  • इसके पहले भी यूपी की राजधानी लखनऊ व इलहाबाद में घटिया एलईडी लाइट खरीद का मामला सामने आया था।
  • इस पर जांच के बाद कार्रवाई की गयी थी।
  • लेकिन अब कानपुर नगर निगम वही कहानी दोहरात नजर आ रहा है। 

इन 5 सवालों के जबाब ढूंढ रही जनता

  • 1- एलईडी की गुणवत्ता क्यों नहीं चेक की गयी?
  • 2- कम्पनी पर अब तक जुर्माना क्यों नहीं लगा?
  • 3- 3 माह बाद ही मरम्मत की क्यों जरुरत पड़ रही?
  • 4- क्या यूं ही जनता का पैसा लुटता रहेगा?
  • 5- एरिज़ोना कम्पनी पर कब कार्रवाई होगी?
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