बहराईच जिले के इटौंजा गांव में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का रात्रि प्रवास का कार्यक्रम था। जिसमें अधिकारियों ने भीड़ बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी संवेदहीनता दिखाते हुए स्कूली बच्चों को कार्यक्रम में शामिल किया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद देर रात अंधेरे में बच्चे अपने अपने घर गए। वहीं इस बावत शिक्षा मंत्री का कहना है कि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भीड़ बढ़ाने के लिए बुलाए गए थे बच्चे
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बता दें कि शुक्रवार को बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल रात्रि प्रवास कार्यक्रम बहराईच जिले के इटौंजा गांव में आयोजित था। जिसमें रात्रि प्रवास समरसता भोज के दौरान सभी व्यवस्था संवेदनहीन हो गई। शिक्षकों और अधिकारियों की संवेदहीनता की पराकाष्ठा ही कहा जाएगी की शिक्षा मंत्री के कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए स्कूली बच्चे बुलाये गए थे।
शिक्षकों के डर से घण्टों भूखे प्यासे बैठे रहे बच्चे
परिजनों ने आरोप लगाया कि टीचर के डर से भूखे प्यासे बच्चे कई घण्टों तक कार्यक्रम स्थल पर बैठे रह। वहीं एक छात्रा भूख प्यास से रोते बिलखते भाई को घनघोर अंधेरे में घर ले जाने को विवश थी। उन्हे घर जाने में डर भी लग रहा था। आए दिन रेप जैसी वारदात की घटनाएं होती रहती हैं। फिर भी शिक्षकों व कार्यक्रम संचालक ने संवेदनहीनता को उजागर करते हुए बच्चों को कार्यक्रम में बुलाया गया था।
संबंधित के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस बावत शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि सम्बंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। वहीं परिजनों का कहना है कि सूबे में आए दिन बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हो रही है। घनघोर अंधेरे में कभी भी स्कूली छात्राओं के साथ अप्रिय घटना हो सकती थी। इस बात पर परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त है। वहीं इस बात का रोष जताते हुए कहा कि यदि इतनी रात को बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती तो इस बात का जिम्मेदार कौन होता।