सहायता प्राप्त सदर स्थित लखनऊ मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल अमर बहादुर सिंह और सेवानिवृत्त लिपिक बाबू लाल यादव को यूनीफार्म वितरण में अनियमितता के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही उन्हें आठ जुलाई को उपस्थित होने के लिए कहा है। नोटिस में कहा गया है कि निर्धारित तिथि पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं। अन्यथा यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो मामले में दोनों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी उत्तरदायित्व पूर्व प्रिंसिपल और लिपिक का होगा।
ये भी पढ़ें : फतेहपुर में अध्यापक की गोली मारकर हत्या!
दोनों के विरुद्ध होगी कार्यवाही
- लखनऊ मांटेसरी इंटर कॉलेज में यूनीफार्म के वितरण में अनियमितता की शिकायत की गई थी।
- बच्चों को दी जाने वाली यूनीफार्म में घपले की शिकायत आने पर जांच का आदेश हुआ था।
- इसकी जांच राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद के प्रिंसिपल हरीश चंद्र चक ने की।
- जांच के बाद पूर्व प्रिंसिपल अमर बहादुर और सेवानिवृत्त लिपिक को दोषी ठहराया था।
- जांच में कहा गया कि पूर्व प्रिंसिपल 65 वर्ष की आयु पूरी करके 31 जुलाई 2015 को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
- फिर भी उन्होंने उच्च न्यायालय में समय-समय पर रिट याचिकाएं योजित कर अनैतिक रूप से नियम विरुद्व सेवा में बने रहने को आधार बनाया।
- उन्होंने छात्रों के यूनीफार्म वितरण के लिए अपने पद पर न रहते हुए भी निविदा आमंत्रित की।
- निविदा लखनऊ के किसी भी दैनिक समाचार में प्रकाशित नहीं कराई गयी।
- बल्कि सीतापुर के ही एक संस्करण में प्रकाशित कराई गयी।
- साथ ही, 10 दिन में सारी प्रक्रिया (जैसे टेंडर, आपूर्ति, आदेश, भुगतान) संपादित करा दी।
- रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इस कार्य में विद्यालय के पूर्ण कालिक लिपिक कार्यरत थे।
- बावजूद इसके उन्होंने विद्यालय के सेवानिवृत्त लिपिक बाबू लाल यादव का सहयोग लिया।
- जिससे टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता व विश्वसनीयता का उल्लंघन हुआ है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें