बंटी, उठो सुबह हो गयी है स्कूल जाना है, नहीं मम्मी आज सोने दो कल चला जाऊंगा। बच्चो वाले घरों में सोमवार की सुबह से ही आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी। कही मम्मी ज़बरदस्ती बच्चों को तैयार करते हुई दिखी तो वहीँ कुछ बच्चे स्कूल न जाने का बहाना करते हुए दिखे। गर्मियों की लम्बी छुट्टी के बाद एक बार फिर राजधानी के स्कूलों में रौनक लौट आयी है। जिसका नज़ारा सोमवार सुवह से ही राजधानी की सडकों पर दिखाई देने लगा था। कन्धों पर कॉपी किताबों का बोझ लादे कुछ बच्चे मुस्कुराते हुए तो कुछ रोते हुए स्कूल जाते दिखे।
मम्मियों की लग गयी ड्यूटी
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- सोमवार की सुबह राजधानी के करीब हर घर में बच्चों ने अपनी मम्मी से स्कूल न जाने के के बहाने मारे।
- लेकिन मम्मी के आगे बच्चों की कहा चलनी थी।
- बच्चे स्कूल नहीं जाने के लिए आनाकानी करते रहे और मम्मी उन्हें जाने के लिए मनाती रहीं।
- सोमवार से शहर के तकरीबन सभी कान्वेंट और मिशनरी स्कूल्स खुल गए।
- करीब डेढ़ महीने की छुट्टियों के बाद आज सुवह बच्चों को सबसे ज्यादा सुबह उठने में कष्ट हुआ।
- डेढ़ महीने तक आराम से सुबह उठने वाली मम्मियों की भी अब रोजाना की ड्यूटी लग चुकी है
- बच्चों को पहले दिन स्कूल भेजने के लिए मम्मियों को भी काफी तैयारी करनी पड़ी।
- मम्मियों ने सुबह बच्चों से पहले उठकर ड्रेस से लेकर टाई, बेल्ट सब कुछ एक जगह पर रखा।
- उसके बाद किचन में घुस गयी टिफिन बनने को।
- बच्चों की छुट्टियों की वजह से मम्मियों को भी देर से उठने की आदत लग गयी थी।
- वही बच्चों के स्कूल न जाने की जिद की वजह से बच्चों के पापा उन्हें पहले दिन स्कूल छोडऩे गए।
- सोमवार को सड़कों पर हर तरफ बच्चों के रिक्शे, ऑटो और बस एक बार फिर से नजर आने लगे।
- हालांकि कुछ कान्वेंट स्कूल्स मंगलवार से खुल रहे हैं।