राजधानी के बख्शी का तालाब (sdm bkt) इलाके में अभी पिछले दिनों अवैध कब्जा हटवाने पहुंची एसडीएम ने अपने ऊपर हमले का आरोप लगाते हुए बीकेटी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
- इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है।
- पीड़ित का आरोप है कि एसडीएम के ऊपर हमला नहीं हुआ था।
- बल्कि उन्होंने एक नामी बिल्डर के गुर्गों और पुलिस की मिलीभगत से पीड़ित के ऊपर हमला करवाया था।
- हालांकि इस मामले में पीड़ित पक्ष को गंभीर चोटें आईं हैं।
- पीड़ित पक्ष की तरफ से एसडीएम (sdm bkt) के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
- पीड़ित का कहना है कि अगर मामले की सही तरीके से जांच हो गई तो एसडीएम के काले कारनामें उजागर हो जायेंगे।
- साथ ही वह सरकारी अहम पद पर तैनाती के दौरान अपने पद के का गलत प्रयोग करने के आरोप में खुद फंस जायेंगी।
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पीड़ित ने सुनाई दर्दभरी कहानी
- अवधेश द्विवेदी अपने परिवार के साथ बीकेटी थानाक्षेत्र के मामपुरबाना गांव में रहते हैं।
- वह पिछले 18 साल से वकालत कर रहे हैं।
- अवधेश शारीरिक रूप से ठीक नहीं रहते हैं।
- वह कुछ गंभीर बीमारी की भी चपेट में रहते हैं।
- पीड़ित ने बताया कि साल 2008 में उन्होंने अपने बेटे आशुतोष द्विवेदी के नाम पर गांव में ही 11 विसवा (15000) स्क्वॉयर फिट जमीन खरीदी थी।
- इसका गाटा संख्या 106 है।
- हालांकि यह जमीन सेड्यूल कास्ट के व्यक्ति की थी तो उन्होंने उस समय जिलाधिकारी को सूचना देकर उनके ही आदेश पर खरीदी थी।
- इस जमीन पर उन्होंने वर्ष 2014 में बाउंड्री पिलर लगवाये।
- इस दौरान अप्रैल महीने में उनके ऊपर हमला कर दिया गया था।
- पीड़ित ने इसकी शिकायत भी थाने में दर्ज करवाई थी।
- वहीं हाईकोर्ट ने पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया कि इस मामले में कोई इंटरफेयर ना करें।
- कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बीकेटी एसडीएम (sdm bkt) जमीन का सीमांकन नहीं करेगा।
- हाईकोर्ट ने जमीन का सीमांकन करने के लिए एसडीएम सदर को कहा था।
- इसके बाद पीड़ित ने जमीन पर दो कमरे बनवाये।
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बिल्डरों से मिली हैं एसडीएम बीकेटी
- पीड़ित ने बताया कि जिस डॉ. सोम शेखर दीक्षित पर किडनी चोरी सहित कई आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं उसका दामाद जेपी शुक्ला है।
- पीड़ित का आरोप है कि जेपी एक बड़ा बिल्डर है।
- जो पैसे की दम पर थाने की पुलिस और जिला प्रशासन (sdm bkt) के अधिकारियों से साठ-गांठ करके अपनी दबंगई दिखता है और गरीबों की जमीनों पर कब्जा करता है।
- पीड़ित ने बताया कि उसकी भी जमीन रोड के किनारे है इस पर जेपी की नजर है।
- आरोप है कि थाने और एसडीएम को में मोटी रकम देकर जेपी अपने गुर्गों के और पुलिस प्रशासन के साथ 22 मई को उसकी जमीन पर पहुंचा।
- एसएसपी लखनऊ को दिए गए प्रार्थनापत्र में पीड़ित ने कहा कि उस समय पीड़ित कोर्ट में मौजूद था।
- घर पर पत्नी और नाबालिग बेटा था।
- बेटे ने उसे फोन करके कहा कि प्लाट पर सैकड़ों लोग आये हैं।
- साथ में जेपी शुक्ला और कल्लन वकील के साथ 10-15 और वकील हैं।
- वह सभी लोग पीड़ित की पत्नी को गंदी-गंदी गलियां दे रहे हैं।
- पीड़ित इस सूचना पर मौके पर पहुंचा तो (sdm bkt) एसडीएम ज्योत्सना यादव भी मौके पर मौजूद थीं।
- उनके साथ कई महिला दरोगा और सिपाही भी थे।
- आरोप है कि विपक्षी जय प्रकाश शुक्ला अपने गुर्गों और सहयोगियों की मदद से जेसीबी से निर्माण गिरा रहा था।
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महिला अधिकारी करवाती रही एक महिला बेइज्जती
- एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित ने कहा है कि उसने जब एसडीएम से पूछा कि मैडम आप किस कानून के तहत जेसीबी लेकर आईं हैं?
- इसकी कोई पूर्व सूचना उसे क्यों नहीं दी गई?
- तो प्रशासनिक अधिकारी आगबबूला हो गए।
- वह निर्माण तोड़वा रहीं थीं कि होमगार्ड और सिपाही पीड़ित की पत्नी को गंदी-गंदी गलियां दे रहे थे।
- एक महिला अधिकारी एक महिला पर यह जुर्म करवाकर तमाशा देख रही थी।
- इस दौरान थाने के एसएसआई गिरीश चंद्र पांडेय, एसआई भूपेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार शैलेन्द्र सिंह ने धक्का देकर पीड़ित को गिरा दिया।
- इस दौरान प्रशासनिक अमला ही पीड़ित को लात-घूसों से पीटने लगा।
- इस दौरान दबंगों ने पीड़ित की सदरी भी फाड़ डाली।
- इस पूरी घटना का जब पीड़ित के नाबालिग बेटे ने वीडियो बना लिया।
- तो एसडीएम के निर्देश पर सिपाहियों ने उसे दौड़ाकर मोबाईल छीन लिया।
- उसका सिम और मेमोरीकार्ड तोड़कर मोबाईल भी जमीन पर पटक दिया।
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सुप्रीमकोर्ट और मानवाधिकारों को उड़ीं धज्जियां
- एसएसपी से की शिकायत में पीड़ित अवधेश ने कहा है कि प्रशासनिक अमले ने ही सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार के नियमों की खूब धज्जियां उड़ाईं।
- थाने पर एसडीएम, नयाब तहसीलदार के सामने दबंद और सिपाही उसे पीटते रहे और अधिकारी खड़े तमाशा देखते रहे।
- मोबाईल मांगने पर उसे धमकी देते रहे।
- पीड़ित को दबंगों ने जान से मारने की भी धमकी दी है।
- पीड़ित ने एसएसपी से कहा है कि उसके परिवार को जान का खतरा है।
- इसलिए उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाये।
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मीडिया पर भी गंभीर आरोप
- अवधेश द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने अपने कारनामें छिपाने के लिए कुछ मीडियाकर्मियों को मैनेज करके अपने ऊपर हमले का सोशल मीडिया पर संदेश वॉयरल करवा दिया।
- इसके बाद दूसरे दिन अख़बारों में गलत खबर छाप दी गई।
- एसडीएम बीकेटी ने आरोप लगाया कि वह अवैध कब्जा हटवाने पहुंची तो कुछ वकीलों ने उनपर हमला कर दिया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि वह वीडियोग्राफी करवा रही थीं तभी उनका उनका मोबाइल छीन लिया गया।
- इस संबंध में बिल्डर से मिली बीकेटी पुलिस ने पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही सरकारी कार्य में बाधा डालने, लूट, अभद्रता समेत आधा दर्जन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर किया।
- जबकि हकीकत इससे कुछ अलग ही थी।
- पीड़ित ने जब अपना मेडिकल कराया ऑटो उसके कई जगह चोट की पुष्टि हुई है इसकी रिपोर्ट भी उसके पास है।
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वकील को इनोवा गिफ्ट में दी कार
- पीड़ित पक्ष और उसके साथियों ने बताया कि बिल्डर के साथ जो कल्लन अभी तक एक खटारा स्कूटर से चलता था उसे बिल्डर ने एक इनोवा कार गिफ्ट में दी है।
- आरोप है कि इस वकील का काम है कि जिस जगह बिल्डर जमीन पर कब्जा करने पहुंचता है उस दौरान यह कुछ वकील की वर्दी में कुछ गुंडे लेकर पहुंचता है और पीड़ितों को धमकाने का काम करता है।
- परिवार का कहना है कि सालों से अफसरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन शेखर की ऊंची पहुंच और पैसे की दम पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
- हालांकि इस मामले में पीड़ित का कहना है कि उसने एक याचिका दायर की अगर इस पर सही तरीके से सुनवाई हुई तो एसडीएम बेनकाब हो जायेंगी।
- बिल्डर पर आरोप है कि उसने अभी तक करीब 40 लाख रुपये जिला प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस थाने पर खर्च किये हैं।
- हालांकि यह कितना सही है यह जांच का विषय है।
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