उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सेल्फी विद गड्ढा का अभियान चलाकर सरकार की नींद खोलने का काम करने के लिये जिले के एक नेता जी सड़कों पर उतर पड़े हैं. जिले की जिस सड़क पर गड्ढा होता है, ये नेता जी वहां पहुंचते हैं और विरोध प्रदर्शन शुरु कर देते हैं.
रालोद ने चलाया ‘सेल्फी विद गड्ढा’ अभियान:
सेल्फी विथ गड्डा के क्रम में रालोद प्रदेश सचिव केन्द्र और प्रदेश सरकार के कथनी करनी में अंतर उजागर करने के लिये जनपद में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन किया.
रालोद प्रदेश सचिव ने हजारों ग्रामीणों संग एन.एच.28 और राम-जानकी मार्ग को जोड़ने वाले महूघाट विशेषरगंज मार्ग पर प्रदर्शन कर सरकार के गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा याद दिलाया.
उन्होंने कहा कि जिस सडक को उनके व ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व के अखिलेश सरकार में लेपन कार्य कराते हुए टू लेन बनाने की स्वीकृति हो चुकी थी, उस सड़क का आज तक निर्माण तो दूर योगी सरकार गड्ढा मुक्त भी नहीं कर पाई.
सरकार निर्माण तो दूर गड्ढा मुक्त सड़क के वादे में फेल सरकार:
अगस्त 2017 के बाद फिर 2018 में यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा जुमला रह गया.
आज भी नंद नगर चौरी, संग्रामपुर डुहवा, गनेश पुर, लोकईपुर, सकरावल चतुर्भुज मार्ग जैसी सैकडों सड़कों में गड्ढा नहीं बल्कि गड्ढे में सडक देखने को मिलता है.
रालौ़द नेता ने तत्काल सडक गड्ढा मुक्त करने और भारी वाहनों का प्रवेश रोकने की मांग की. उन्होने कहा कि अगर शासन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो हम सडक घेर कर कर चक्का जाम करेंगें.