राजधानी लखनऊ के सरकारी भवनों और अस्पतालों की लिफ्टों का हाल बहुत ही बुरा है। रखरखाव करने वाली कंपनियों की लापरवाही के चलते आये दिन लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है। ताजा मामला पीजीआई थाना क्षेत्र स्थित संजय गाँधी आयुर्वेदिक संस्थान (एसजीपीजीआई) का है। यहां बुधवार को आधा दर्जन लोगों की जान उस समय संकट में फंस गई जब लिफ्ट में एक महिला और 6 पुरुष लिफ्ट में फंस गए। नवीन ओपीडी के चौथे तल पर गैस्ट्रो मेडिसिन के पास लिफ्ट बंद होने पर सभी लिफ्ट के भीतर चीखने चिल्लाने लगे। लिफ्ट में हवा की कोई व्यवस्था ना होने के कारण सभी बेहोश होने लगे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लिफ्ट में फंसे लोग घंटे भर करते रहे जद्दोजहद[/penci_blockquote]
अस्पताल में मौजूद लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि लिफ्ट करीब एक घंटे से अधिक वक्त तक फंसी रही। लेकिन अस्पताल के कर्मचारी और लिफ्ट ऑपरेटर मौके से नदारद रहे। घटना की सूचना पीजीआई प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया। दरवाज़ा तोड़कर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश रेस्क्यू आपरेशन के जरिये जारी रही। आनन-फानन में उन्होंने ऑपरेटर भेजकर लिफ्ट खुलवाई। तब जाकर लिफ्ट खोलने की जद्दोजहद में जुटे लोगों ने राहत की सांस ली। गनीमत रही कि लिफ्ट में फंसे लोगों के साथ कोई अनहोनी नहीं हो गई। लिफ्ट खुलने के सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान करीब एक घंटे से ज्यादा सभी लिफ्ट के अंदर फंसे रहे हौर बाहर निकलने की कोशिश करते रहे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सरकारी भवनों की लिफ्टें मरम्मत के अभाव में खराब [/penci_blockquote]
इससे पहले 17 मार्च को हजरतगंज स्थित मल्टी लेवल पार्किंग में एक कर्मचारी लाइट चली जाने से लिफ्ट में फंस गया था। लिफ्ट लाइट जाने से लिफ्ट तीसरे तल पर अटक गई थी। करीब आधे घंटे बाद जब लिफ्ट ऑपरेटर मौके पर पहुंचा तो लिफ्ट खुलवाकर युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। इस दौरान कर्मचारी लिफ्ट के भीतर हलकान रहा था। राजधानी लखनऊ के सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में लगी लिफ्ट अब जानलेवा साबित होती जा रही है। सरकारी कार्यालयों में लिफ्ट के रखरखाव की क्या स्थिति है इसकी बानगी आज फिर देखने को मिली। विधानसभा, शक्ति भवन, बापू भवन, जवाहर भवन, डालीबाग स्थित बहुखंडी मंत्री आवास, ट्रॉमा सेंटर समेत सभी सरकारी भवनों में लिफ्टें लगी हैं। सूत्रों के मुताबिक लिफ्टें लगाने के बाद उनका रेगुलर मेंटिनेंस नहीं कराया जाता है। जिससे ये लिफ्ट अक्सर खराब हो जाती हैं। इससे पहले भी सीएम कार्यालय से लेकर केजीएमयू सहित कई सरकारी भवनों की लिफ्टें फंस चुकी हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री सहित उनकी पत्नी तक फंस चुकी हैं।
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