कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत सुबेहा कस्बे में निर्मित आवास अपराधियों की शरणस्थली में तब्दील हो गए हैं। इन आवासों में मादक पदार्थ का धंधा ही नहीं अय्यासी और प्रतिबन्धित मांस का धंधा भी फलफूल रहा है। इतना ही नहीं पड़ोसी जिले के खूंखार अपराधी इन आवासों में डेरा डाल संगीन वारदातों का ताना-बाना बुन रहे हैं। लेकिन प्रशासन इससे अंजान है।

इस आवास में बुना जाता है आपराधिक गतिविधियों का ताना बाना

आमतौर पर ये आवास उन गरीब व लाचार लोगों के लिए बने थे, जिनके पास आवास नहीं थे। गरीब बेबस व लाचार थे लेकिन सरकारी मशीनरी की लापरवाही व आवंटन न होने के कारण अब अपराधी प्रवृत्ति के लोग यहीं से अपराधी गतिविधियों का ताना-बाना बुन घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह सेफ जोन साबित हो रहा है।

जमकर फल फूल रहे अवैध धंधे

जानकार सूत्रों की मानें तो कस्बे व आसपास के गावों में रह रहे शरीफ किस्म के लोग दशहत में जीवन यापन कर रहे हैं। वजह इन आवासों में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को आना-जाना लगा रहता है। दिन ढलते ही इन आवासों के निकट दो पहिया व चार गाड़ियां पहुंचने लगती हैं। लोगो ने बताया कि यहां कई लोग तो यहां अय्यासी, प्रतिबन्धित मांस का व्यापार सहित देह व्यापार का धंधा, चमकाने में जुटे हैं।

मादक पदार्थों को खुलेआम बिक्री

इसके अलावा मादक पदार्थों की बिक्री भी खुलेआम हो रही है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि यह आवास पड़ोसी जिले के खूंखार अपराधियों के लिए भी सेफ जोन साबित हो रहे हैं। पुलिस महकमें को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है कि कांशीराम शहरी आवास में क्या-क्या गुल खिल रहे हैं। वही जब इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक बाराबंकी अनिल सिंह से बात की गयी तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए इस पर कुछ बोलने से मना कर दिया।

क्या कहते हैं चेयरमैन

इस संबंध में बाराबंकी जिला के सुबेहा चेयरमैन अदनान चौधरी ने बताया कि कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत निर्मित आवास के आवंटन को लेकर हमने काफी प्रयास किये लेकिन हम सफल नही हुए। यहां पानी की सप्लाई न होने के कारण भी आवंटन अधर में है। इसका फायदा उठाकर अपराधियों ने इस कॉलोनो को अपनी शरणस्थली बना लिया है।

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Web Title : sex racket drug trafficking in kanshi ram awas yojana Barabanki
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