एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग दवाओं (Life saving medicines burned) के अभाव से कराह रहा है। वहीं दूसरी तरफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाएं जलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दो साल बाद एक्सपायर होने वाली दवाएं डॉक्टरों ने जलवा दी।

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क्या है पूरा मामला?

  • जानकारी के मुताबिक, जिले के बंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को अस्पताल परिसर के पीछे भारी मात्रा में दवाएं जला दी गईं।
  • प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इन दवाओं पर एक्सपायरी डेट 2019 लिखी हुई थी।
  • जीवन रक्षक दवाएं कई तरीके की बताई जा रही हैं।
  • दवाएं जलाने की खबर से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
  • हालांकि जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
  • इस घटना का वहां खड़े एक शख्स ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
  • इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है।
  • बताया जा रहा है कि यहां मरीजों के वितरण के लिए आई भारी तादात में लाखों की दवाइयों को कूड़े के ढेर में डालकर आग के हवाले कर दिया गया।
  • ग्रामीणों ने दवाइयों को निकालकर देखा तो उसकी सभी दवाइयों पर 2019 तक एक्सपायरी डेट पड़ी है।

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  • वहीं ग्रामीणों की माने तो अस्पताल में आने वाले मरीजों को बाहर से दवाई लिखी जाती है।
  • जिसके चलते अस्पताल में दवाओं के बड़ा स्टॉक जमा हो चुका था।
  • निरीक्षण के चलते स्टोर से सभी दवाइयों को नष्ट किया गया।
  • फिलहाल ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला अधिकारी और सीएमओं से की है।
  • फिलहाल सीएमओ मामले में जांच के बाद होने जांच बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
  • वहीं चिकित्साधीक्षक बण्डा सीएचसी महेंद्र पाल भी मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं।

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डॉक्टर लिख रहे बाहर से लाओ इंजेक्शन

  • दरअसल ये लापरवाही लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर जनपद जनपद शाहजहांपुर जिले के पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जिला संयुक्त चिकित्सालय का है।
  • यहां पिछले 15 दिन से पैरासिटामोल इंजेक्शन नहीं है।
  • जबकि इस वक्त इस अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज बुखार के आ रहे हैं।
  • बुखार आने पर इस इंजेक्शन (Life saving medicines burned) को सबसे पहले लगाया जाता है।
  • वहीं नाम न छापने की शर्त पर डॉक्टरों ने बताया कि ट्रॉमा से सबसे ज्यादा मरीज बुखार के आ रहे हैं।
  • ऐसे मे पैरासिटामोल इंजेक्शन न होने पर उस इंजेक्शन को बाहर से लिखना पड़ रहा है।

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सीएमएस रोज लगाते हैं चक्कर

  • ऐसे मे सवाल डॉक्टरों से लेकर जिला के सीएमएस केशव स्वामी, सीएमओ आरपी रावत से लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश पर भी सवाल उठ रहे हैं।
  • क्योंकि सीएमएस रोज एक चक्कर ट्रामा सेंटर का लगाते हैं।
  • क्या उनके संज्ञान मे ये गंभीर मामला नहीं था।
  • क्या पिछले 15 दिन से इस इंजेक्शन के बारे सीएमओ तक खबर नहीं पहुंची।
  • इन जैसे अधिकारियों तक खबर पहुंचे भी कैसे।
  • क्योंकि जब (Life saving medicines burned) पैसे का बंदरबांट होता है तो पैसा ऊपर तक पहुंच जाता है।

https://youtu.be/WP6JGj8Z-Jg

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