यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस प्रेसवार्ता में बोर्ड की अध्यक्ष शाईस्ता अम्बर (shaista amber) ने उपस्थित संवाददाताओं को दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर 8 अगस्त 2017 को श्री नरेंद्र मोदी जी से हुई भेंट के दौरान उठाये गए बिन्दुओं के बारे में अबगत कराया।
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क्या है इस्लाम में वक्फ का मकसद?
- इस्लाम में वक्फ का मकसद है की ज़मीन जायदाद को समाज के कमज़ोर तबके, बेसहारा, ज़रूरतमंद, यतीमों, तलाकशुदा, बेवा और वह पुरुष लोग जिनका परिवार उनके साथ नहीं है।
- जो तनहा ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं।
- वक्फ की संपत्ति से उनको ज़िंदगी जी के लिए सहारा मिले।
- उनको शिक्षा मिले, उनको रोज़गार मिले, उनके साथ सामाजिक न्याय हो. अब वक्फ की ज़मीन पर लूट, घसोट और नाजायज़ कब्ज़ा हो रहा है।
- शाइस्ता अम्बर ने प्रधानमंत्री से मिलकर कहा की उक्त सभी ज़रूरतमंदों को शेल्टर दिया जाये। पूरे भारत में वक्फ की ज़मीनों को चिन्हित करके वक्फ ज़मीनों से नाजायज़ कब्ज़ा हटाया जाए और तलाकशुदा महिलाओं के लिए और बुज़ुर्गों के लिए आश्रय हो, ओल्ड आगे होम हों, एजुकेशनल सेंटर, रोज़गार से जुड़े ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएँ जो केंद्र सरकार द्वारा संचालित हों।
- तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों को रोज़गार परक ट्रेनिंग दिलाई जाए ताकि वह महिला और उसके बच्चे आत्मनिर्भर हो जाएँ।
- ताकि वह बच्चे देश की तरक्की और खुशहाली में भागीदार बनें।
- मेंटीनेंस एवं गुज़ारा भत्ता एक्ट १९८६ के तहत तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं एवं उनकी संतानों को वक्फ से प्रतिमाह गुज़ारा भत्ता देने का क़ानून है।
- भ्रष्टाचार और धाँधलीगर्दी के चलते इस एक्ट के बारे में जानकारी ही नहीं दी गयी है।
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पीएम से की ये मांग
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकाहनामा पर शाइस्ता अम्बर ने कहा कि शौहर के निधन के बाद उसकी विधवा बेटे बहु के साथ आसानी से रह लेती है।
- परन्तु बीवी के निधन के बाद उसका शौहर बहु के साथ रहने में असहज महसूस करता है।
- अतः आल इण्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल बोर्ड यह मांग करता है कि वक्फ की ज़मीन पर अवैध रूप से काबिज़ सभी कब्जेदारों को हटाया जाए।
- कब्ज़े से मुक्त कराने के बाद उक्त ज़मीनों पर शेल्टर होम का निर्माण कराया जाए।
- ऐसे मुस्लिम पुरुष जो बीवी के देहांत के बाद घर में अपमानित जीवन जीने को मजबूर हैं, को इन शेल्टर होमों में रहने, खाने की समुचित व्यवस्था रहेगी।
- सरकार इस व्यवस्था को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाये। नरेंद्र मोदी ने शाईस्ता अम्बर के माध्यम से देश भर की मुस्लिम महिलाओं को सन्देश दिया कि वह अपने को अकेला और कमज़ोर न समझें।
- केंद्र सरकार उनकी स्थिति पर पूरी नज़र रखे हुए है, कहीं से उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
- उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से कहा कि वह अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त करने का प्रयत्न करें क्योंकि शिक्षित होने के बाद उन्हें अपने अधिकारों के बारे में ज्ञान होगा।
- शाईस्ता ने नरेंद्र मोदी को मुस्लिम महिलाओं की और भी समस्याओं के बारे अवगत कराया जिसपर उन्होंने उचित कदम उठाये जाने का आश्वासन दिया।
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तलाक जैसी गैर शरई बुराई के खिलाफ आवाज बुलंद करें
- शाइस्ता ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी इस पेशकश से रजामंदी जाहिर करते हुए कहा है कि वह जल्द ही इस दिशा में प्रयास शुरू करेंगे।
- मोदी ने बोर्ड से आग्रह किया है कि वे मुस्लिम महिलाओं को अपने शरई तथा संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूक करें, ताकि वे तीन तलाक जैसी गैर शरई बुराई के खिलाफ आवाज बुलंद करें और उसका मुकाबला करें।
- शाइस्ता ने प्रधानमंत्री को प्रस्तुत बोर्ड के प्रस्ताव में कहा है कि देश में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है।
- उन्हें न तो अपने फैसले लेने का अधिकार है और न ही अपनी राय जाहिर करने का। मुस्लिम ख्वातीन ने तथाकथित धर्मगुरुओं की बनायी व्यवस्था से उपजी अपनी इस विडम्बना को अपनी नियति मान लिया है।
- शिक्षा से महरूम किये जाने की वजह से ये महिलाएं कुरान और हदीस में अपने लिये लिखित प्रावधानों और अधिकारों के बारे में नहीं जानती हैं।
- शाइस्ता ने कहा कि तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय में चल रहे मुकदमे में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक प्रमुख पक्षकार है।
- वह तीन तलाक की व्यवस्था को बरकरार रखने की पुरजोर वकालत कर रहा है।
- हालांकि उसने अदालत में दाखिल एक हलफनामे में स्वीकार किया है कि कुरान शरीफ में तीन तलाक की कोई व्यवस्था नहीं है।
- ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जो इस्लामी व्यवस्था कुरान और हदीस की बुनियाद पर बनी है, उसमें तीन तलाक जैसी गैर इस्लामी व्यवस्था को जगह क्यों मिली हुई है।
- बोर्ड की जो महिला सदस्य तीन तलाक की वकालत कर रही हैं वे ब्रेनवॉश की जीती-जागती मिसाल हैं।
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वर वधु का आधार कार्ड निकाहनामे से जोड़ा जाए
- उन्होंने बताया आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड द्वारा सन 2005 में तैयार किये गए आदर्श निकाहनामा की एक प्रति मोदी को भेंट किया।
- उन्होंने मोदी को आदर्श निकाहनामे की विशेषताओं के बारे में बताया तो वह इससे काफी प्रभावित हुए और भूरि-भूरि प्रशंसा किया।
- साथ ही मोदी ने इस आदर्श निकाहनामे को देश में लागू करने के बारे में सकारात्मक नज़रिया अपनाने का संकेत दिया।
- निकाहनामे का मूल तत्व है दोनों पक्षों को बराबर का अधिकार देना। शाईस्ता अम्बर जी ने कहा प्रस्तावित निकाहनामा न सिर्फ मुस्लिमों के लिए बल्कि भारत में निवास करने वाले समस्त भारतीयों के लिए आदर्श है।
- वर और वधु पक्ष का फोटो सहित पूरा पता इस निकाहनामे में दर्ज किया जाएगा।
- वर वधु का आधार कार्ड निकाहनामे से जोड़ा जाएगा जिससे आधुनिक विवाह की आड़ में किया जाने वाला फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगाकर वधु पक्ष को शोषण और धोखाधड़ी से बचाया जा सके।
- यह निकाहनामा तलाके बिद्द्दत जोकि इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है, का विरोध करता है।
- शाईस्ता अम्बर ने नरेंद्र मोदी को बताया बताया विवाह पंजीकरण आज समय की आवश्यकता है, 2005 में आदर्श निकाहनाम तैयार करते समय ही आल इन्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल बोर्ड ने इस दिशा में आवश्यक प्रावधान कर दिए थे।
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तीन प्रत्रियों में होगा निकाहनामा
- साथ ही यह भी बताया की आदर्श निकाहनामा देश की प्रमुख तीन भाषाओं, हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेज़ी में तैयार किया गया है ताकि किसी को विवाह पंजीकरण के समय भाषा सम्बंधित कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।
- यह निकाहनामा तीन प्रत्रियों में होगा।
- पहली प्रति दुल्हन के परिवार को सबूत के तौर पर दी जायेगी।
- दूसरी प्रति सरकारी विवाह पंजीकरण केंद्र को तथा तीसरी प्रति दुल्हे को मिलेगी।
- शाईस्ता जी ने कहा कि मोदी से बताया कि यह निकाहनामा भारत सहित विदेशी मुल्कों में भी बहुत तेज़ी से प्रसिद्द हो रहा है।
- इस निकाहनामा के बाद दोनों पक्षों के लिए शादी छुपाना असंभव हो जाएगा।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शादी पंजीकरण अनिवार्य किये जाने के फैसले को मैं पूरा समर्थन देती हूँ।
- शाईस्ता ने कहा कि उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि इस निकाहनामा की प्रतियाँ सभी राज्यों को भेजी जाएँ ताकि सभी मुस्लिम महिलाओं को इससे फायदा मिल सके।
- उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भारतीय विधि आयोग को भी आदर्श निकाहनामा की प्रतियाँ उपलभ कराये ताकि वह विवाह के बाद होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कानूनी प्रावधानों की व्यवस्था कर सके।
- उन्होंने बताया कि मोदी जी से भेंट के दौरान मुस्लिम महिलाओं की दयनीय स्थिति के बारे में बताया।
- भारतीय मुस्लिम महिलाएं पूरी तरह से घर के पुरुष सदस्यों के रहमो करम पर आश्रित रहती हैं।
- उन्हें छोटे-मोटे निर्णय लेने का भी अधिकार नहीं है।
- उन्हें यहाँ तक जानकारी नहीं कि कुरआन ने महिला और पुरुष दोनों को सामान अधिकार दिए हैं।
- सबसे बड़ी त्रासदी यह है की सदियों से पुरुषों के आधिपत्य में रहती आई मुस्लिम महिलाओं ने इसे अपनी नियति मान लिया है।
- मुस्लिम महिलाओं ने अपने अन्दर एक भ्रान्ति पाल लिया है कि उसे पुरुष की दासी बनाकर धरती पर भेजा गया है।
- विडम्बना देखिये कुछ शिक्षित मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड में वर्णित तीन तलाक का समर्थन कर रही हैं।
- वास्तव में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ऐसी कुछ महिलाओं को आगे करके मुस्लिम महिलाओं के हक़ मारने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
- मोदी को अवगत कराया कि पूरे देश में मुस्लिम वक्फ के पास हज़ारों करोड़ की संपत्ति से अर्जित आय से एक निश्चित हिस्सा का इस्तेमाल मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं को प्रतिमाह भरण पोषण देने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
- प्रेसवार्ता में शामिल शाइस्ता अम्बर (अध्यक्ष) आलिमा (उपाध्यक्ष) आसिया खानम, मौलाना हाजी सलीस साहब, अज़रा खान (अधिवक्ता) कुरेशा खातून, सबा बानो, फरज़ाना बेगम, वक्फ का प्रोजेक्ट तैयार कर रहे सी ए सौरभ गौड़ सहित (shaista amber) अन्य साथी सदस्य उपस्थित रहे।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.