भाजपा के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी (shalabh mani tripathi) ने यूपी लोकसेवा आयोग में चयन की प्रक्रिया पर बात की. उन्होंने कहा कि भर्ती संस्थाओं में शुचिता लाने में सरकार जुटी है. आयोग की सीबीआई जांच का फैसला सराहनीय है.
सीबीआई जाँच का फैसला साहसिक:
- त्रिपाठी ने कहा है कि लोकसेवा आयोग में भर्तियों की CBI जांच का फैसला साहसिक है.
- इस फैसले से उन मेधावी छात्रों को इंसाफ मिलेगा, जिनको काबिलियत के बाद भी भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ा था.
- यही नहीं सरकार ने आयोग में साक्षात्कार और परिणाम निकाले जाने पर लगी रोक भी हटा दी है.
- इससे बेहतर और पारदर्शी माहौल में दुबारा से भर्ती प्रक्रिया तेजी से शुरू हो सकेगी.
- मुख्यमंत्री ने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के भी नए सिरे से गठन की शुरूआत भी कर दी है.
- इसके लिए पहली बार विज्ञापन निकाल कर पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
- अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में पहली बार इस तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
- त्रिपाठी ने कहा कि सपा सरकार के दौरान आयोग की भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे.
- आरोपों के मुताबिक लोकसेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्था को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया और पैसे लेकर नौकरियां बेंची गईं.
नौजवानों को प्रताड़ित किया गया:
- विरोध करने पर बेरोजगार नौजवानों के खिलाफ ना सिर्फ फर्जी मुकदमे लिखे गए बल्कि उनका बुरी तरह उत्पीड़न भी हुआ.
- इलाहाबाद में पुलिस ने नौजवानों पर कई बार बर्बर लाठीचार्ज भी किया.
- पार्टी ने वायदा किया था कि सरकार बनने पर भर्तियों की जांच होगी.
- नए सिरे से भर्ती संस्थाओं में पारदर्शिता लाई जाएगी.
- जांच के दायरे में वो लोग भी होंगे जिन्होंने भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार के सबूत नष्ट किए.
त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने यूपी लोकसेवा आयोग में साक्षात्कार और परिणाम पर लगी रोक भी हटा दी है. - इससे दुबारा से स्वच्छ माहौल में भर्तियां शुरू हो सकेंगी.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में भी नए सिरे से चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
- इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं और प्रदेश में पहली बार आवेदन के जरिए चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
- इससे योग्य लोगों का चयन किया जा सकेगा और भर्ती प्रकिया साफ सुथरी ढंग से पूरी की जा सकेगी.