कैराना लोकसभा उपचुनाव का बिगुल फूँका जा चुका है। सपा और रालोद ने गठबंधन करते हुए पूर्व सांसद तबस्सुम हसन को साझा प्रत्याशी बनाकर उतारा है तो वहीँ कैराना के दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही दल अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं। इस उपचुनाव में एक प्रत्याशी के देवर ने अपनी ही भाभी के खिलाफ नामांकन कर किया था। आज कैराना में उपचुनाव में प्रचार का अंतिम दिन है जिसके पहले उस उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
तबस्सुम हसन के देवर ने किया था नामांकन :
कैराना लोकसभा उपचुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी तबस्सुम हसन के विरोध में उनके देवर कंवर हसन ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। कैराना उपचुनाव में अपनी भाभी के खिलाफ कंवर हसन ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था। हालाँकि उनके नामांकन के पहले उनके भतीजे कैराना सपा विधायक नाहिद हसन ने अपने चाचा कंवर हसन से मिलकर समझौते की पूरी कोशिश की थी लेकिन दोनों के बीच कुछ बात नहीं बन पायी। चाचा-भतीजे में काफी समय से विवाद चला रहा है। कैराना के मुस्लिम वोटर में कंवर हसन के सेंधमारी करने की खबरें थी। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने की उम्मीदें जताई जा रही थी लेकिन अंतिम समय में खेल पूरा बदल गया।
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कँवर हसन ने किया भाभी को समर्थन :
कैराना उपचुनाव के लिए मतदान के पहले ही यूपी की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। महागठबंधन से तबस्सुम हसन को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद उनके देवर कंवर हसन ने उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया था जिससे विपक्ष की मुश्किलें बढ़ गयी थी। लेकिन मतदान के पहले ही लोकदल के प्रत्याशी कंवर हसन ने विपक्षी समर्थित रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा मतदान के बिलकुकल पहले कंवर हसन ने रालोद ज्वाइन कर ली है। कँवर हसन ने कहा कि इस समय पूरा देश भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा है तो ऐसे में वे अलग क्यों जाएँ। उन्होंने कहा की वे अब रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन के लिए प्रचार करेंगे।