कल गुरूवार को सभी जगह आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया गया. वहीँ शरद पूर्णिमा की रात घर-घर में चावल की खीर बनाई गई. जी हां ऐसा ही नजारा लखनऊ में भी देखने को मिला है. जहां शरद पूर्णिमा की रात कहीं पर एक अनोखी परम्परा के अनुसार लक्ष्मी पूजन (sharad purnima night) के बाद खीर का भोग लगा, तो कहीं अस्थमा के मरीजों के लिए हर्बल खीर बनाई गई.
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बंगाली क्लब में हुआ लक्ष्मी पूजन (sharad purnima night):
- बता दें कि कल रात को लखनऊ के बंगाली क्लब में कुछ अनोखे अंदाज में शरद पूर्णिमा मनाई गई.
- इस दौरान बंगाली समाज ने रात को श्री श्री लक्ष्मी का पूजन (sharad purnima night) करने के बाद खीर का भोग लगाया.
- बंगाली क्लब में श्री कोजागरी लक्ष्मी जी का पूजन 1901 से ही किया जा रहा है.
- वहीँ कल रात यह पूजन बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी की उपस्थिति में किया गया था.
- इतना ही नहीं कैंट पूजा में कोलकाता से आये पुरोहित मलय चक्रवती ने इस पूजन को संपन्न करवाया था.
- इसके साथ ही जहां-जहां दुर्गा के पंडाल लगे हुए थे, वहां भी लक्ष्मी का पूजन किया गया था.
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अस्तमा के मरीजों के लिए बनी हर्बल खीर:
- बता दें कि 86 साल पहले से चौक में हर्बल खीर का भोग लगाने की ये अनोखी मान्यता शुरू हुई थी.
- जिसकी शुरुवात डॉ प्यारे लाल श्रीवास्तव ने की थी.
- जिसे अभी तक उनके बेटे और अब उनके पौत्र ने बरकरार रखा है.
- खीर के जरिये इस अनोखे इलाज को करने वाले अनूप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ से ही नहीं बल्कि कई जिलों से अस्थमा के मरीज ये खीर आने आते हैं.
- शाम 6 बजे ही इनके घर के पास खीर खाने वाले मरीजो की भीड़ लगना शुरू हो जाती है.
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कंडा, दूध और चावल के साथ आते हैं मरीज:
- बता दें कि यहां मरीज अपने घर से कंडा, दूध और चावल लेकर आते हैं.
- जी हां जगह-जगह पर मरीज अपनी सामग्री के साथ खीर पका रहे होते हैं.
- इस दौरान करीब रात 11:30 बजे से डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव सभी मरीजों के खीर में हर्बल दवाईयां डालना शुरू कर देते हैं.
- उसके बाद ये खीर करीब 12 बजे तक सभी को मिलना शुरू हो जाती है.
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