बलात्कार और हत्या के केस में फंसा भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली रेप पीड़िता ने जिस शशि सिंह नाम की महिला को नौकरी का झांसा देकर विधायक से मिलवाने की बात कही थी। सीबीआई की टीम ने इस महिला को भी गिरफ्तार कर लिया है। महिला की गिरफ़्तारी के बाद साफ है कि सीबीआई अब इस केस से जितने लोग भी जुड़े हैं उनको नहीं छोड़ने वाली।
बता दें कि बीते मंगलवार की शाम शशि सिंह ने लखनऊ में प्रेसवार्ता कर रेप विक्टिम के आरोपों को निराधार बताया था। महिला ने अपने बेटे के साथ पत्रकारों को बताया था कि युवती ने झगड़े के चलते उनके बेटे को भी बलात्कार के केस में फंसाया था। अब विधायक पर भी आरोप लगा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि युवती का परिवार बलात्कार का आरोप लगाकर लोगों को फंसाने का कार्य कर रहा है। यही इन लोगों की कमाई भी हो गई है। अब ये महिला कितना सही बोल रही है ये तो जांच का विषय था। लेकिन शनिवार को सीबीआई में महिला को गिरफ्तार कर अन्य आरोपियों की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि बलात्कार के आरोप में फंसा भाजपा का विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आखिरकार कई दिनों से चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सीबीआई के शिकंजे में फंस गया। सीबीआई ने आरोपी विधायक को शुक्रवार सुबह तड़के 4:00 बजे उसके इंदिरा नगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया। इसके बात सीबीआई की टीम ने दिनभर उससे पूछताछ की।
इसके बाद उसे शुक्रवार को दोपहर तक पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम ने आरोपी विधायक को जब सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया तो मौके पर मौजूद मीडिया ने उसे घेर लिया। इस दौरान चेहरे पर उदासी लिए रेप का आरोपी विधायक मीडिया पर चीख कर भगवान और न्याय पालिका पर भरोसा जता रहा था। आरोपी कह रहा था कि उसे भगवान् पर भरोसा है न्याय मिलेगा। कोर्ट में जाते वक्त भगवान का भजन कर रहा विधायक न्याय पालिका पर भी भरोसे का राग अलाप रहा था। सीबीआई की टीम ने उसे स्पेशल रिमांड कोर्ट ACJM-7 कोर्ट में ले जाकर पेशी कराई।
क्या है पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि रेप पीड़िता का चाचा 19 जनवरी से सोशल मीडिया पर इंसाफ की गुहार लगा रहा था। लेकिन पूरी दुनिया में सोशल मीडिया (ट्विटर) पर खूब सुर्खियां बटोरने वाली यूपी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता के परिवार का कहना है कि अगर पुलिस ने तीन महीने पहले कार्रवाई की होती तो उनके परिवार का मुखिया जिंदा होता।
हालांकि पुलिस की लचर कार्रवाई के चलते पिछली 3 अप्रैल को पुलिस की निगरानी में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके गुर्गों ने पीड़िता के पिता और चाचा को बुरी तरह पीटा था। पुलिस ने इस मामले में गंभीर रूप से घायल पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया था। इसके बाद पीड़िता ने पिछली 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास के बाहर पूरे परिवार के साथ आत्मदाह का प्रयास किया।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया तब तक जेल में हिरासत के दौरान रेप पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल को मौत हो गई। तब मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया। इस मामले में सीएम योगी के निर्देश के बाद थाना प्रभारी माखी सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस ने इस केस में चार लोगों को गिरफ्तार किया। मंगलवार सुबह लखनऊ क्राइम ब्रांच ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उधर पुलिस ने सुरक्षा के बीच पीड़िता के परिवार का अंतिम संस्कार करवा दिया। जिलाधिकारी उन्नाव ने पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया था। वहीं पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए भी पीआईएल दाखिल की।
मंगलवार को एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि उन्नाव गैंगरेप केस में यूपी सरकार ने SIT का गठन किया। इस मामले में भाजपा विधायक से भी पूछताछ होगी। वहीं पीड़ित लड़की के पिता की संदिग्ध हालत में मौत के बाद प्रमुख सचिव गृह ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की। जेल में विधायक की दखल का खुलासा हुआ है। विधायक कुलदीप सिंह का रिश्तेदार है जेल में सप्लायर है। सप्लायर के पास जेल में राशन, सब्जी सप्लाई का ठेका है। बताया जा रहा है कि सप्लायर से भी पूछताछ होगी।
मीडिया का दबाव बढ़ता देख यूपी पुलिस ने विधायक को पूरी तरह बचाने का प्रयास किया। बुधवार की रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने फौरन केस सीबीआई को दे दिया। डीजीपी ओपी सिंह और प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने प्रेसवार्ता कर अपनी सफाई दी। गुरुवार की शाम सीबीआई की टीम ने रेड मारनी शुरू की और सुबह तड़के आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया।