पिछले कई चुनावो से लगातार शिकस्त का सामना कर रही कांंग्रेस पार्टी की नजरें अब उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई हैंं। 2017 में उत्तर प्रदेश में होनेे वाले विधानसभा चुनाव कांंग्रेस पार्टी के लिए एक ऐसी अग्निपरीक्षा की तरह है जिसमें अगर ये पार्टी हार जाती है तो इसका दोबारा खड़ा होना लगभग असंभव हो जायेगा। यूपी के चुनाव कांंगेस पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के कई सीनियर नेता अभी से ही यूपी का दौरा करने लगे हैंं। ऐसी भी खबरे आ रही है कि कांग्रेस पार्टी के स्ट्रैैटजिस्ट प्रशांत किशोर शीला दीक्षित को यूपी में सीएम पद का उम्मीदवार बनाना चाहते है। इसे लेकर दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित आज सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात करने वाली हैं। यूपी में कांग्रेस पार्टी किसी सीनियर लीडर को चेहरा बनाना चाह रही है, जो जनरल कैटेगरी से आता हो। इसलिए शीला को मैदान में उतारने की स्ट्रैटजी बनाई जा रही है।
- उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित बन सकती है सीएम पद की उम्मीदवार
- कांंग्रेस पार्टी किसी वरिष्ट्र नेता को यूपी में सीएम पद काा उम्मीदवार बनाना चाहती है।
- कांग्रेस के स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर भी चाहते है कि यूपी में कांंग्रेस का सीएम चेहरा शीला दीक्षित हो।
- शीला दीक्षित को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने के पीछे किशोर का लॉजिक ये है उन्होंने यूपी में कम्युनिटी कैल्युकुलेशन कर लिया है।
- शीला दीक्षित खुद खत्री हैं। उन्होंने एक ब्राह्मण से शादी की है। ये दोनों ही कम्युनिटी यूपी में हैं।
- कांग्रेसी नेताओं की मानें तो प्रशांत किशोर और शीला दीक्षित ने इस सिलसिले में मुलाकात भी की है।
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