बुलन्दशहर में अब शिक्षक प्रेरकों ने क्रमबद्ध भूख हड़ताल शुरू कर दी है . संविदा पर काम करने वाले सभी प्रेरकों का कहना है कि वे सभी करीब 30 महीने से बिन वेतन के काम कर रहे थे,जबकि बिन किसी पूर्व सूचना के उनकी सेवाएं भी सरकार ने समाप्त कर दी हैं. गुस्साए प्रेरकों का कहना है कि वे अधिकारियों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं कोई उनकी दिक्कत को सुनना नहीं चाहता। प्रेरक काफी समय से अफसरों से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा चुके हैं,वहीं इनका कहना है कि जिले में भाजपा नेताओं से भी अपना दुखड़ा रो चुके लेकिन कोई भी उनकी हालत को समझने को तैयार नहीं है।जिसकी वजह से अब इनके पास सिर्फ भूख हड़ताल पर जाना ही एक विकल्प बचा है।
किसी ने सुध नहीं ली तो शुरू की भूख हड़ताल:
बुलन्दशहर में जिले के सेकड़ों शिक्षक प्रेरक अब धरना समाप्त करके भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं, बता दें कि जिले के शिक्षक प्रेरक पिछले 43 दिन से धरने पर थे और अब इनकी सुध जब किसी ने नहीं ली तो परेशान होकर इन्होंने भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा कर दी ।
शिक्षक प्रेरकों ने अधिकारियों से कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी समस्या को कोई नहीं समझना चाहता,गुस्साए प्रेरकों ने अपनी समस्याओं से सम्बंधित सिटी मजिस्ट्रेट को भी पिछले दिनों प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था.
सांसद से मदद के बजाए मिला आश्वासन:
इससे पहले शिक्षा प्रेरकों ने अपने बकाया मानदेय व संविदा बहाली के सम्बंध में उससे पहले जिले के सांसद भोला सिंह से भी मिले थे,जब सांसद ने इनकी समस्या को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया था ,लेकिन उसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ। गुस्साए शिक्षा प्रेरकों ने अपनी समस्याओं को लेकर शहर के मनका पार्क में धरना प्रदर्शन को भूख हड़ताल में तब्दील कर दिया ।प्रेरकों ने सरकारी मशीनरी और अफसरों पर गम्भीरता न दिखाने और अनदेखी करने का आरोप लगाया।
बता दें कि पूरे जनपद में करीब 1800 शिक्षा प्रेरक हैं जो सरकार के निर्देश पर हाउस होल्ड सर्वे ,बी एल ओ ,निरक्षरों को पढ़ाने का काम और ज़रूरत पड़ने पर राशन कार्ड जनगणना जैसे ज़रूरी कार्यों को करते थे, अब बिना किसी कारण के सभी को हटा दिया गया है।गुस्साए महिला और पुरुष प्रेरकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो वे किसी भी हद तक जाकर सरकार और सिस्टम का विरोध करेंगे।